अनेक विषयों के बारे में बुद्धि की अनभिज्ञता !

विस्मयकारी घटनाओं को समझ पाना कठिन जगत के विस्मयकारी (आश्चर्यजनक) अनेक कार्यों तथ्यों या निष्कर्षो को मनुष्य की बुद्धि के लिए समझ पाना संभव नहीं है उदाहरण के लिए जैसे शक्तिपात का होना, चमत्कारों का दिखाई देना, सिद्धियों का प्राप्त होना इत्यादि ।

धर्मप्रसार का निरंतर कार्य करनेवाले रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में अनाज अर्पण कर धर्मकार्य में अपना योगदान दें !

संस्था के आश्रमों और सेवाकेंद्रों से निरंतर धर्मप्रसार का कार्य किया जाता है । आज के समय में धर्मग्लानि का काल होने से ‘धर्मप्रसार करना’, काल के अनुसार आवश्यक कार्य बन गया है । ‘‘धर्मप्रसार का कार्य करनेवाले संतों, संस्थाओं अथवा संगठनों को अन्न-अनाज का दान देना’ सर्वश्रेष्ठ दान है ।

वैश्विक महामारी फैलानेवाले ‘कोरोना विषाणु’ के नया प्रकार ‘ओमिक्रॉन विषाणु’ से आध्यात्मिक स्तर पर लडने के लिए यह जप करें !

‘ओमिक्रॉन विषाणु’ का विश्वभर का प्रभाव नियंत्रित हों और उसका प्रसार रुक जाएं, एवं यह नामजप करने के निमित्त से अनेकों को इस आपातकाल में साधना करने की गंभीरता ध्यान में आए और उनके द्वारा साधना आरंभ हो, यही श्रीगुरुचरणों में प्रार्थना !

घर पर ही सब्जियों के रोपण के लिए आवश्यक घटक

जिस प्रकार कीडे प्राणियों को कष्ट पहुंचाते हैं अथवा काटते हैं, उस प्रकार वनस्पतियों को भी कीडों से कष्ट होता है । सब्जियों के रोपण के लिए हवा और सूर्यप्रकाश प्रकृति से उपलब्ध होते हैं, तो मिट्टी, उर्वरक, कीटनाशक, फफूंदनाशक इत्यादि का प्रबंध हमें करना पडता है ।

राष्ट्र के प्रति कर्तव्य निभाकर राष्ट्राभिमानी बनें !

हमारे राष्ट्र के तेजस्वी इतिहास और श्रेष्ठतम संस्कृति को हम समझ लेंगे, तो हममें हमारे राष्ट्र के प्रति अभिमान जागृत होगा । राष्ट्र के प्रति अभिमान होगा, मन में राष्ट्रप्रेम होगा, तो राष्ट्र के प्रतीकों के प्रति भी हमारे मन में आदर रहेगा ।

‘भारतीय भाषा, वेष और विचारों की पुनर्स्थापना से ही देश स्वतंत्र एवं स्थिर हो सकेगा’, यह संदेश देने के लिए यह गणतंत्र दिवस आया है ।

हमारे राष्ट्रपुरुषों के आत्मसमर्पण के मूल में सनातन धर्म की प्रेरणा थी । उसका विस्मरण होने के कारण क्या हम एक राष्ट्र बनकर रह सकते हैं ? आज गणतंत्र दिवस निमित्त यही प्रश्न हमारे सामने है ।

भारतीयो, २६ जनवरी के ध्वजारोहण के पश्चात जगह-जगह बिखरे ध्वजों की अवमानना से बचने का हम संकल्प करें और ध्वज का गौरव कर अपनी देशभक्ति प्रमाणित करें !

हमारा जन्म इस पवित्र भारत देश में हुआ, क्या वह केवल खान-पान के लिए और ‘मैं एवं मेरा परिवार’, ऐसा संकीर्ण विचार करने के लिए है ? यदि यह देश मेरा घर है, तो धर्म अर्थात मेरे घर के ज्येष्ठ एवं श्रेष्ठ परिजन हैं ! यदि ये दोंनो नहीं, तो आपका जीवन कैसा रहेगा ?

राष्ट्र एवं धर्म प्रेमी बनो !

बच्चों के मन में स्वदेश, स्वधर्म आदि संबंधी प्रेम बढाकर इस संदर्भ में उनके कर्तव्य बतानेवाला सनातन का ग्रंथ !

काल के अनुसार आवश्यक सप्तदेवताओं के नामजप सनातन संस्था के जालस्थल (वेबसाइट) एवं ‘सनातन चैतन्यवाणी’ एप पर उपलब्ध !

भावपूर्ण और लगन के किए गए नामजप के कारण व्यक्ति को हो रहे अनिष्ट शक्तियों के कष्ट का निवारण हो सकता है; परंतु यह बात कई लोगों को ज्ञात न होने से वे अनिष्ट शक्तियों के निवारण हेतु तांत्रिकों के पास जाते हैं । तांत्रिक द्वारा किए जानेवाले उपाय तात्कालिक होते हैं ।

हिन्दू युवा वाहिनी के हिन्दू युवा सम्मेलन व हिन्दू रत्न सम्मान समारोह में सनातन संस्था की श्रीमती प्राची जुवेकर सम्मानित

आज पूरे विश्व में सबसे अधिक युवा हमारे भारत में हैं और युवा ही क्रांति कर सकते हैं । क्रांति के लिए जो आध्यात्मिक बल चाहिए, उसके लिए युवाओं को छत्रपति शिवाजी महाराज से आदर्श लेकर साधना व धर्मानुसार आचरण करना आवश्यक है ।