बरेली (उत्तर प्रदेश) में धर्मांध कट्टरपंथियों द्वारा हिन्दू ढाबा चालक की गला काट कर हत्या !
इस हत्याकांड पर सारे (धर्मनिरपेक्ष) और धर्मनिरपेक्षतावादी चुप क्यों हैं ? अब वे इसे ‘असहिष्णुता’ नहीं कहेंगे !
इस हत्याकांड पर सारे (धर्मनिरपेक्ष) और धर्मनिरपेक्षतावादी चुप क्यों हैं ? अब वे इसे ‘असहिष्णुता’ नहीं कहेंगे !
ऐसी मांग क्यों करनी पडती है ? स्वतंत्रता उपरांत के ७४ वर्षाें में सत्ता पर विराजमान सभी पार्टियों की सरकारों ने ऐसी पूछताछ क्यों नहीं की ? केंद्र सरकार को तत्काल ऐसी समिति की स्थापना कर सत्य उजागर करना चाहिए !
केंद्र सरकार देश की जनता को, गत ३ वर्षों में, हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के आंकडे भी बताए !
ऐसा प्रतिपादन कर, फारुख अब्दुल्ला स्वयं के लिए सहानुभूति प्राप्त कर रहें हैं । हिन्दुओं पर किए अत्याचारों के लिए कौन उत्तरदायी हैं, यह जनता समझ चुकी है ।
इस पुस्तक में बांग्ला देश में धर्मांधों द्वारा हिन्दुओं पर किए जा रहे अत्याचारों की जानकारी दी गई है, इस पुस्तक के कारण ही बांगलादेश स्थित धर्मांधों ने तस्लीमा नसरीन को जान से मार देने का फतवा निकाला था ।
यदि इन धर्मांधों ने हिन्दुओं पर आक्रमण न किया होता, तो उनके अवैध निर्माण पर कार्यवाही न होती, ऐसे इस घटना से समझें क्या ?
जो कश्मीर में हिन्दुओं के सन्दर्भ में हुआ, वही आज उत्तर प्रदेश में हो रहा है तो यह हिन्दुओं के लिए लज्जास्पद ! सरकार को इसका त्वरित अभिज्ञान लेकर सम्बन्धित लोगों पर कठोर कारवाई करनी चाहिए !
क्या ईद, क्रिसमस आदि जैसे अन्य संप्रदायों के त्योहारों के समय उन पर कभी आक्रमण होते हैं ? फिर हिन्दू त्योहारों के समय ही कट्टरपंथी, हिन्दुओं पर आक्रमण क्यों करते हैं ? धर्मनिरपेक्षतावादी इसका उत्तर कब देंगे ?
उन्होंने कहा, कि कश्मीरी हिन्दुओं को कश्मीर में रहने का संपूर्ण अधिकार मिलना आवश्यक है ।
उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार होते हुए, त्यौहार मनानेवाले हिन्दुओं पर पत्थरबाजी करने की धर्मांधों की हिम्मत होना, यह हिन्दुओं को अपेक्षित नहीं । ऐसे लोगों पर सरकार कडी कारवाई करें !