|
नई दिल्ली/श्रीनगर – यह तथ्य उजागर हुआ है कि जम्मू-कश्मीर में हिन्दुओं की हो रही ‘टारगेट किलिंग’ (हिन्दुओं को चुन-चुन कर मारना ) के पीछे पाकिस्तानी गुप्तचर संस्था आई.एस.आई. का हाथ है। भारत को पाकिस्तानी षड्यंत्र के साक्ष्य भी मिले हैं। (साक्ष्य मिलने से क्या लाभ ? यह जग जाहिर है कि इसके पीछे पाकिस्तान का ही हाथ है। इसलिए भारत को अब उस पर आक्रमण करना ही चाहिए ! – संपादक) । पाकिस्तान ने ३४ वर्ष पूर्व अर्थात वर्ष १९८८ में कश्मीर घाटी में नरसंहार करने की योजना बनाई थी, उसी प्रकार की यह योजना सितंबर २०२१ में बनाई गई थी। इसे ‘ऑपरेशन रेड वेव’ कहा जाता है। दूसरी ओर स्थानीय आतंकवादी समूह ‘कश्मीर फ्रीडम फाइटर’ ने हाल ही में एक पत्र प्रसारित किया है, जिसमें धमकी दी गई है कि “सब कुछ उसी तरह समाप्त कर दिया जाएगा “।
सितंबर २०२१ में आई.एस.आई. आतंकवादी समूह के अधिकारियों और नेताओं ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में बैठक की। कश्मीर घाटी में २०० लोगों को मारने की योजना बनाई गई थी। ‘ऑपरेशन रेड वेव’ १९८८ के ‘ऑपरेशन टुपैक’ पर आधारित है।
जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की साजिश का पर्दाफाश, मिले साजिश के सबूत; 200 लोगों को मारने की प्लानिंग की गईhttps://t.co/W2bjs9qEZq #Pakistan #JammuKashmir
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) June 3, 2022
कश्मीर घाटी में २२ दिनों में ९ लोगों की बली !
इस वर्ष अब तक कश्मीर में आतंकवादी आक्रमणों में २० नागरिक मारे जा चुके हैं। इनमें से पिछले २२ दिनों में ९ मारे गए हैं, जिनमें ५ हिन्दू और सुरक्षाबलों के ३ जवान हैं।
‘ऑपरेशन टु पैक’ क्या था ?१९८८ में इंडियन मुजाहिदीन सहित ६ आतंकवादी संगठनों ने आई.एस.आई. के सहयोग से कश्मीर में ‘ऑपरेशन टु पैक’ प्रारंभ किया। यह १९९० तक चला। इस ऑपरेशन में ३०० से अधिक कश्मीरी हिन्दू मारे गए थे, जिसके फलस्वरूप लाखों कश्मीरी हिन्दुओं को कश्मीर घाटी से पलायन करना पड़ा। यह कार्रवाई पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जिया उल हक के आदेश पर की गई थी। |
संपादकीय भूमिका
|