जोडा (ओडिशा) में श्रीराम नवमी की शोभायात्रा पर धर्मांधों द्वारा आक्रमण !
ऐसी घटना रोकने के लिए, हिन्दुओं को हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करने के अलावा अन्य कोई मार्ग नहीं है !
ऐसी घटना रोकने के लिए, हिन्दुओं को हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करने के अलावा अन्य कोई मार्ग नहीं है !
गुजरात में भाजपा की सरकार होते हुए भी ऐसी घटनाएं होना, हिन्दुओं को अपेक्षित नहीं ! सरकार को तत्काल हिन्दुओं की रक्षा कर, उन्हें पलायन होने से रोकना होगा !
हिन्दू राष्ट्र में हिन्दुओं के ही धार्मिक जुलूसों पर आक्रमण करने का साहस अनेक वर्षों से चला आ रहा है । इस स्थिति को बदलने के लिए, अब हिन्दुओं को युद्ध स्तर पर संवैधानिक मार्गों से सर्वंकष प्रयास करने चाहिए ।
देश में हिन्दुओं के त्यौहारों की शोभायात्रा पर इस प्रकार के आक्रमण होते ही रहते हैं, किंतु ‘देश में अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं’, निधर्मीवादी सदा ही ऐसे चीखते-चिल्लाते रहते हैं, यह ध्यान में रखें !
कितने कश्मीरी मुसलमानों ने इस जिहादी आतंकवाद के विरोध में आवाज उठाई है ? भारतीय सेना के जवानों पर पत्थर फेंकने वाले हिंसक जिहादियों एवं राष्ट्र विरोधी घोषणाएं देने वालों को कितने लोगों ने परावृत्त किया ?
देश में सर्वदलीय सरकारों के कार्यकाल में ऐसी घटनाएं घटित हुई हैं । राजस्थान में, वर्तमान में कांग्रेस कि सत्ता है । इसलिए, धर्मान्धों को अधिक उन्माद चढा हैं । राजस्थान के हिन्दुओं को इसका विरोध करने के लिए संघटित होना चाहिए ।
उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार होते हुए, मुसलमान बहुल भागों के हिन्दू असुरक्षित न रहें ; यह हिन्दुओं की अपेक्षा है !
क्या अभी तक असम के किसी मुख्यमंत्री ने इतनी कठोरता से मुसलमानों को सुनाया था ? असम के हिन्दुओं की रक्षा करने के लिए सरमा कठोर कदम उठाएं, यही हिन्दुओं की भावना है !
केवल हाथ जोडकर क्षमा मांगने से कुछ नहीं होगा और कश्मीरी मुसलमान ऐसी क्षमा मांगेंगे, इसकी भी संभावना नहीं है । इसलिए अब केंद्र सरकार को ही अब प्रधानता लेकर इन अत्याचारों में संलिप्त मुसलमानों को दंड मिलने हेतु प्रयास करने चाहिए, तभी जाकर वास्तव में कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय मिलेगा !
इस फिल्म में पग-पग पर ‘पूरे विश्व को कश्मीरी हिन्दुओं की व्यथा ज्ञात हो’; इसके लिए किए भागीरथी प्रयास दिखाई देते हैं । जिहादी आतंकी और उनके संरक्षकों (उदा. राज्यकर्ता, निष्क्रिय अधिकारी, बुद्धिजीवी, धर्मनिरपेक्षतावादी इत्यादि) के विरुद्ध असंतोष जागृत करने में यह फिल्म सफल रही है ।