सीबीआई द्वारा देहली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जांच

केंद्रीय अन्वेषण विभाग द्वारा देहली मद्यनीति घोटाले के प्रकरण में आम आदमी पार्टी के नेता तथा देहली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जांच की गई ।

(और इनकी सुनिए….. ) ‘भारत पाकिस्तान से चर्चा क्यों नहीं करता ?’ – फारूख अब्दुल्ला

पाकिस्तान से इतना लगाव रखनेवालों को सरकार पाकिस्तान क्यों नहीं भेज देती ?

रूस एवं यूक्रेन का युद्ध शीघ्र समाप्त होना चाहिए ! – प्रधानमंत्री मोदी

भारत ने बहुत उन्नति की है तथा ‍दोनों ही देशों के संबंधों के लिए यह अच्छी बात है । विश्व रूस की आक्रामकता का परिणाम भुगत रहा है । ऐसे समय में सभी देश भोजन तथा ऊर्जा आपूर्ति की ओर ध्यान दे रहे हैं ।

ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानियों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानी झंडा फहराया !

इससे भारत की विश्व भर में अपकीर्ति हो रही है, यह ध्यान में रखते हुए सरकार को खालिस्तानी प्रवृत्तियों को कुचलने हेतु तत्काल ही कठोर कदम उठाने चाहिए !

खालिस्तानी संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के साथी को पुलिस ने छोडा !

खालिस्तानियों के थाने को हजारों की संख्या में सशस्त्र होकर घेर लेने पर पुलिस ऐसे ही पीछे हट जाएगी, तो खालिस्तानवादियों का मनोबल बढकर राज्य में उनका दहशत निर्माण होने को बढावा मिलनेवाला है । यह रोकने के लिए केंद्र सरकार को अब तो हस्तपेक्ष करना चाहिए !

‘खालिस्तान के हमारे लक्ष्य को वर्जित रुप में न देखें !’ – खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह

खालिस्तानवादी अब खुले रूप से उनके बंटवारे के लक्ष्य को जनसमर्थन पाने का प्रयास कर रहे हैं, यही इससे स्पष्ट होता है ! क्या सरकार अब खालिस्तानी आंदोलन को कुचलेगी ?

श्री काशी विश्वनाथ की मंगल आरती के शुल्क में वृद्धि !

मंदिर सरकारीकरण के दुष्परिणाम ! इससे ‘सरकारी विश्वस्तों की केवल मंदिर के पैसों पर ही नहीं, अपितु श्रद्धालुओं के पैसों पर भी दृष्टि गढी होती है’, ऐसा किसी को लगे तो इसमें गलत क्या है ?

राजनीति में सक्रिय लोग मंदिरों के न्यासी नहीं हो सकते !

वैसे तो देवता के भक्तों को ही मंदिर का न्यासी होने का अधिकार दिया जाना चाहिए । अब हिन्दुओं को सरकार और न्यायालय के समक्ष यह मांग मजबूती से करना आवश्यक !

आई.ए.एस. अधिकारी रोहिणी और आई.पी.एस. अधिकारी रूपा का अंतत: स्थानांतर !

व्यक्तिगत छायाचित्र सामाजिक माध्यम से प्रसारित किए जाने का प्रकरण

भारत-चीन सीमा पर भारत द्वारा सबसे बडे सैन्यबल की नियुक्ति ऐतिहासिक कदम है !

भारत के चुनावों में रुकावट लाने हेतु पश्चिमी राष्ट्रों ने अभी से कमर कसना आरंभ कर दिया है’, डॉ. जयशंकर ने इस वक्तव्य के माध्यम से ऐसा कहा है, यह ध्यान में लें !