भारत-चीन सीमा पर भारत द्वारा सबसे बडे सैन्यबल की नियुक्ति ऐतिहासिक कदम है !

  • राहुल गांधी द्वारा विदेशमंत्री पर आलोचना करने का प्रकरण

  • विदेशमंत्री डॉ. एस. जयशंकर का कांग्रेस को मुंहतोड उत्तर !

विदेशमंत्री डॉ. एस. जयशंकर

नई देहली – मैं अथवा प्रधानमंत्री मोदी चीन का नाम लेने में भयभीत नहीं होते । आज भारत-चीन की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर शांतिकाल में भारत द्वारा सबसे बडा सैन्यबल नियुक्त किया गया है । यह ऐतिहासिक है तथा यह कार्यवाही राहुल गांधी ने नहीं, अपितु प्रधानमंत्री ने की है । चीन यह ध्यान में ले ! विदेशमंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कांग्रेस को ऐसा मुंहतोड उत्तर दिया ।

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने अनेक बार प्रधानमंत्री तथा विदेशमंत्री की आलोचना करते हुए कहा था कि ये दोनों कभी भी चीन का नाम नहीं लेते । चीन का विषय आते ही वे दोनों मौन हो जाते हैं । इस पर विदेशमंत्री ने उसका प्रतिवाद किया ।
विदेशी प्रसार माध्यमों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध अनेक लेख लिखे हैं । अमेरिकी व्यावसायी जॉर्ज सोरोस (एक व्यवसायी जो भारत विरोधी विचारधारा को बढावा देने हेतु अरबों रुपए व्यय करता है) ने भी कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी की छवि धूमिल की गई है ।

प्रसार माध्यमों के इस प्रश्न पर विदेशमंत्री ने कहा कि

१. भिन्न माध्यमों से युद्ध करने की यह पद्धति है । इस पर विचार करें ! यह एक प्रकार की राजनीति है ।

२. अचानक भारत विरोधी रिपोर्ट (अहवाल) तथा विचारों की बाढ कैसे आ गई ? इससे पूर्व ऐसा क्यों नहीं होता था ?

३. बीबीसी की बनाई हिन्दुविरोधी डाक्यूमेंटरी के विषय में पूछे गए प्रश्न पर डॉ. जयशंकर ने कहा कि वर्ष १९८४ में देहली में बहुत कुछ घटित हुआ था । इस पर डाक्यूमेंटरी क्यों नहीं बनाई गई ? आप कहते हैं कि इस डाक्यूमेंटरी का समय केवल एक संयोग है । मुझे बताएं कि ऐसा क्यों हो रहा है ? मुझे ज्ञात नहीं कि देहली अथवा भारत में चुनाव का वर्ष आरंभ हुआ अथवा नहीं; परंतु लंदन तथा न्यूयार्क में आरंभ हो गया है ।

(‘भारत के चुनावों में रुकावट लाने हेतु पश्चिमी राष्ट्रों ने अभी से कमर कसना आरंभ कर दिया है’, डॉ. जयशंकर ने इस वक्तव्य के माध्यम से ऐसा कहा है, यह ध्यान में लें ! – संपादक )