(और इनकी सुनिए…) ‘श्री तुलजाभवानीदेवी मंदिर के गहने चोरी होने के प्रकरण की जांच सही दिशा से !’ – निलेश देशमुख, उपविभागीय पुलिस अधिकारी 

३ माह उपरांत भी फरार आरोपी न मिलने पर पुलिस का अजब दावा !

पुलिस प्रशिक्षण केंद्र की ६० से अधिक महिला पुलिसकर्मियों की स्थिति खराब !

स्वतंत्रता के ७६ वर्ष उपरांत भी जनता को शुद्ध पानी उपलब्ध न कर पाना, यह प्रशासन के लिए लज्जास्पद !

Action Against Illegal Residents : देश में गैरकानूनीढंग से रहनेवालों पर कठोर कार्यवाही करें ! – केंद्रीय गृहमंत्रालय

वर्ष २०२१ में भारत में गैर कानूनी ढंग से रहनेवाले विदेशी नागरिकों की संख्या ४ लाख २१ सहस्र से अधिक होने का केंद्रीय गृहमंत्रालय को ध्यान में आया ।

पनवेल रेलवे स्थानक पर ५ मुसलमानों द्वारा नमाजपठन !

सार्वजनिक स्थानों पर ५ मुसलमान नमाज पढ रहे थे, तब अन्य यात्री क्या कर रहे थे ? उन्हें नमाज पढने से किसी ने रोका क्यों नहीं ? इससे मुसलमानों की कट्टरता एवं अन्यों में धर्माभिमान का अभाव ही दिखाई देता है !

भाजपा के नेता प्रवीण नेट्टारु की हत्या के प्रकरण में बंदी बनाया गया धर्मांध चुनाव लडेगा !

भारत में प्रत्येक व्यक्ति को चुनाव लडने का अधिकार होने के कारण इसका विरोध करना असंभव होगा; परंतु इस प्रकार के कानून परिवर्तित करने हेतु जनता को सरकार पर दबाव डालने की आवश्यकता है !

आई.ए.एस. अधिकारी रोहिणी और आई.पी.एस. अधिकारी रूपा का अंतत: स्थानांतर !

व्यक्तिगत छायाचित्र सामाजिक माध्यम से प्रसारित किए जाने का प्रकरण

डेढ करोड व्यय (खर्च) कर चुनकर आया हूं !

सरपंच होने के लिए डेढ करोड रुपए व्यय (खर्च) करने पडते हैं, तो नगरप्रमुख, विधायक और सांसद बनने के लिए कितने रुपए खर्च करने पडते होंगे, इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते !

देहली महापौर (मेयर) पद के चुनाव के पूर्व अभूतपूर्व हो-हल्ला !

जनता के चयन किए हुए जन प्रतिनिधि जनता के व्यय से चलनेवाले निगम सभागृह में हो-हल्ला कर करोडों रुपए उडाते (फिजूलखर्ची) हैं, यह लोकतंत्र के लिए हानिकारक ही है ! ऐसे जनप्रतिनिधियों की सदस्यता रद्द करने का अधिकार जनता को मिलना ही चाहिए !

नोएडा (उत्तर प्रदेश) में कुत्तों के आक्रमण में ७ माह के बच्चे की मृत्यु

सडक पर घूमनेवाले कुत्तों के कारण ही नहीं, अपितु पालतू कुत्तों के कारण भी लोगों को कष्ट सहन करना पड रहा है । इस पर अब स्थायी एवं ठोस समाधान ढूंढने हेतु सरकार को प्रयास करना आवश्यक हो गया है !

अर्पिता मुखर्जी के दूसरे घर से मिले नकद २९ करोड रुपए !

इतनी रकम इकठ्ठा किए जाने तक राज्य की पुलिस और गुप्तचर विभाग सो रहा था क्या या उन्हें इस ओर अनदेखी करने का निर्देश दिया गया था ?