Mahakumbh 2025 : प्रयागराज में १३ जनवरी से महाकुंभ पर्व का आरंभ !

  • विश्व के सबसे बडे मेले की तैयारियां पूर्ण !

  • साधु-संतों सहित श्रद्धालुओं में उत्साह !

  • ४० करोड श्रद्धालु आने की संभावना !

प्रयागराज – तीर्थराज प्रयागराज के पावन त्रिवेणी संगम तट पर १३ जनवरी से महाकुंभ पर्व का आरंभ होने जा रहा है । २६ फरवरी तक चलनेवाले इस महाकुंभ पर्व में भारत के १३ प्रमुख अखाडों के साधु-संत, महंत, महामंडलेश्वर साथ ही देश विदेश से तमाम साधु-संत सम्मिलित होंगे । कुछ अखाडों की पेशवाई एवं नगर प्रवेश हो चुका है ।

इस बार का कुंभ पर्व ‘महाकुंभ पर्व’ होने के कारण साधु-संत एवं श्रद्धालुओं में अत्याधिक उत्साह है । यह विश्व का सबसे बडा मेला है । इसको लेकर पुलीस और प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए बडी मात्रा में सुविधाएं एवं सुरक्षा उलपब्ध करायी है । इस पर्व के अवसर पर प्रयागराज सजा हुआ है । शहर के प्रवेशद्वार एवं सभी प्रमुख दीवारों पर धार्मिक, सांस्कृतिक विरासत दर्शानेवाले देवी-देवता, पौराणिक कथा एवं कुंभ माहत्म्य के संदर्भ में चित्र बनाए गए हैं ।

महाकुंभ पर्व की भव्य तैयारियां !

१. संगम तट पर लगभग २० कि.मी. क्षेत्र में बसा है मेला !

२. २५ सेक्टरों का निर्माण । इसमें होंगे लगभग १२,००० पंडाल !

३. श्रद्धालुओं के स्नान के लिए तट पर १२ कि.मी. के अंतर में १५ घाट का निर्माण !

४. अमृत स्नान (शाही स्नान) के लिए दशाश्वमेध घाट, सरस्वती घाट, महेवा घाट के साथ ७ पक्के घाट (३ गंगा नदी पर एवं ४ यमुना नदी पर) का निर्माण !

५. गंगा-यमुना की जलधारा पर आने-जाने के लिए ३० पंटुन (पिपा) पुल का निर्माण !

६. सभी ‘मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर’ के ८० ‘मोबाइल टॉवर’ लगे !

७. संपूर्ण मेला क्षेत्र में लगी हैं लगभग ६७,००० स्ट्रीट लाइट !

८. ५ लाख वाहनों की पार्किंग व्यवस्था !

९. ५० फायर स्टेशन का निर्माण !

१०. डेढ लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण !

११. स्वच्छता के लिए १०,००० अतिरिक्त कर्मचारी नियुक्त !

‘सनातन संस्था वाराणसी’की होगी ग्रंथ-प्रदर्शनी !

संगम तट पर ‘मोरी मार्ग सेक्टर १९’ में ‘सनातन संस्था वाराणसी’ की आध्यात्मिक, आयुर्वेदीय एवं धर्मशिक्षा देनेवाली ग्रंथ-प्रदर्शनी लगनेवाली है । ११ भाषाओं में ३५० से अधिक इन ग्रंथों में हिन्दू जीवन, संस्कृति तथा राष्ट्र से जुडी गहन जानकारी श्रद्धालु प्राप्त कर सकते हैं । इस प्रदर्शन का लाभ अधिक से अधिक जिज्ञासु लें, ऐसा आवाहन इस प्रदर्शनी के आयोजकों ने किया है ।

इसके अतिरिक्त ‘हिन्दू जनजागृति समिति’, ‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ तथा पूरे देश के विविध ‘हिन्दुत्ववादी संगठन’ एवं ‘आध्यात्मिक संगठन’ भी प्रदर्शनी लगाएंगे ।