सहस्त्र वर्षों से संघर्ष कर रहे हिन्दुओं का आक्रामक होना स्वाभाविक है ! – सरसंघचालक
मुसलमानों को अपनी यह अहंकारी धारणा छोड़ देनी चाहिए कि वे सर्वश्रेष्ठ हैं । उन्हें (मुसलमानों को) ‘हम एक उच्च वंश के हैं, हमने पहले भी इस देश पर शासन किया है और फिर से करेंगे , केवल हमारी पद्धति ही योग्य तथा अन्य निम्न हैं, हम अलग हैं और इसलिए दूसरों के साथ नहीं रह सकते, यह दुराग्रह छोडना होगा ‘।