जर्मनी में रासायनिक आक्रमण करने के जिहादियों के प्रयास को सुरक्षाबलों ने विफल किया !

२ जिहादियों को बंदी बनाया

बर्लिन (जर्मनी) – जर्मन पुलिस ने देश के नॉर्थ-व्हाइन-वेस्टफेलिया से ईरान के २ जिहादी नागरिकों को बंदी बनाया है । वे यहां हथियारों द्वारा आक्रमण करने के प्रयास में थे । ये दोनों इस्लामी कट्टरवाद से प्रेरित थे । जर्मनी में उन्हे ‘एम्जे’ और ‘जेजे’ कहा जाता है । इन दोनों के घरों से सायनाइड, रिसिन जैसे अनेक विषैले पदार्थ जप्त किए गए हैं । अरंडी के बीज से रिसिन बनाया जाता है । किसी व्यक्ति के शरीर में रिसिन के प्रवेश करने से कुछ ही मिनटों में उसकी मृत्यु हो सकती है । सायनाइड की तुलना में यह ६ सहस्र गुना अधिक घातक है । जर्मनी में इस प्रकार के आक्रमण के आरोपियों को ३ से १५ वर्ष के दंड का प्रावधान है ।

१. जर्मनी के सुरक्षाबलों को अमेरिका की एफ.बी.आई. इस जांच एजेंसी से संभावित जैविक आक्रमण की जानकारी मिली थी । इसकी जानकारी मिलते ही जर्मनी के सुरक्षाबल आरोपियों के घर पहुंच गए । इस समय आस-पास के परिसर को बंद कर दिया गया था । इन दोनों को पकडने से पहले सुरक्षाबलों ने जैविक और रासायनिक आक्रमणों का प्रभाव टालने के लिए सुरक्षात्मक परिधान धारण किए थे ।

२. जर्मनी में वर्ष २०१८ में रासायनिक आक्रमण का षडयंत्र रचने के आरोप में ट्युनिशिया के एक दम्पत्ति को बंदी बनाया गया था । वे दोनों इस्लामिक स्टेट के समर्थक थे । उनके पास से ८४ मिलीग्राम रिसिन जप्त किया गया था । विषैले बम बनाने के लिए दोनों ने इंटरनेट से अनेक प्रकार के घातक रासायनिक पदार्थ मंगवाए थे । इनमें पति को १० वर्ष तथा पत्नी को ८ वर्ष का दंड मिला है ।

संपादकीय भूमिका

जर्मनी जैसे प्रगतिशील देश में जिहादी कार्यवाहियां बढ रही हैं, इसका यह उदाहण ! मानवता के नाम पर धर्मांधों को आश्रय दिए जाने का यह परिणाम उसे भोगना पड रहा है !