भाग्यनगर में पकडे गए आतंकवादी करते थे मुसलमान युवकों की भर्ती !

‘आतंकवादियों का धर्म होता है’, यह अब संपूर्ण विश्व को स्वीकार हुआ है । इस कारण अब यह धार्मिक आतंकवाद नष्ट करने के लिए धर्मांधों की जिहादी मानसिकता नष्ट की जाय, इसका विचार कर उस पर कृति करना आवश्यक है !

कनाडा के प्रसिद्ध गौरीशंकर मंदिर की तोडफोड

कनाडा में खालिस्तानियों की अभी तक की कार्यवाहियों को देखते हुए उनकी ओर से ही इस आक्रमण को नकार नहीं सकते ! कनाडा सरकार का भी उन्हें गुप्त समर्थन होने से यह घटना न रुकने की संभावना होने से भारत सरकार को ही अब इस संबंध में विशेष प्रयास करना आवश्यक है !

‘जेएनयू’ में की गई ब्राह्मण विरोधी घोषणाओं (नारेबाजी) का अर्थ !

पिछले माह नई देहली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के (‘जेएनयू’ के) परिसर में स्थित अनेक दीवारों पर ब्राह्मणों एवं व्यापारियों के विरुद्ध घोषणाएं (नारे) लिखी गईं । यह कृत्य वामपंथी (कम्युनिस्ट) विचारधारा से संबंधित छात्रों द्वारा किए जाने का कहा जा रहा है ।

जोधपुर सेंट्रल जेल में जिहादी आतंकवादियों द्वारा हिन्दू बंदी को क्रूरता से पीटा गया

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार होने के कारण वहां ऐसी घटनाएं होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है !

नौशाद और जग्गा के आतंकवादी संगठनों से संबंध ! – देहली पुलिस

देहली के जहांगीरपुरी प्रकरण में बंदी बनाए गए आतंकवादी नौशाद एवं जगजीत उपाख्य जग्गा के कुछ आतंकवादी संगठनों एवं गुंडों से संबंध होने का खुलासा देहली पुलिस ने किया है ।

पाकिस्तान का कराची हवाई अड्डा गुंडों के नियंत्रण में !

‘संपूर्ण पाकिस्तान को गुंडे और जिहादी आतंकवादी ही चला रहे हैं’, यह ध्यान में आता है !

अब्दुल रहमान मक्की ‘अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी’ घोषित !

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को ‘अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी’ घोषित किया है । मक्की लष्कर-ए-तोयबा का प्रमुख और मुंबई पर हुए आक्रमण के मुख्य सूत्रधार हाफिज सईद का साला है ।

निराधार कश्मीरी हिन्दू !

ईसाई नववर्ष के दिन पाक-समर्थित जिहादी आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में ४ कश्मीरी हिन्दुओं की हत्या कर भारत को दिखा दिया है कि ‘आप हमें मिटा नहीं सकते, हमें मिटाने की आप में शक्ति नहीं है !

क्या हम वास्तव में ‘लोकतांत्रिक’ हैं ?

आज भारत का ७२ वां गणतंत्र दिवस ! इस उपलक्ष्य में हमें कुछ मूलभूत बातों की समीक्षा करनी चाहिए, जिससे क्या हम सचमुच लोकतांत्रिक भारत में रह रहे हैं ?, इसका हमें उत्तर मिलेगा ।

उनका कहना है ‘वर्ष २०२९ तक आधे, तो वर्ष २०३५ तक संपूर्ण भारत पर नियंत्रण होगा !’

तालिबानी अफगानिस्तान पर आधिपत्य स्थापित करने के उपरांत दिन में बड़े बड़े सपने देखने लगे हैं, यही इससे समझ में आता है !