श्रीराम की शोभायात्रा पर आक्रमण करनेवाले मुसलमानों के अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर !

जब अतिक्रमण नहीं हटा, तब प्रशासन ने कार्यवाही की । घटनास्थल पर नगरपालिका के वरिष्ठ अधिकारी तथा बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी उपस्थित थे ।

३० लाख हिन्‍दुओं ने किए श्री रामलला के दर्शन : १५ करोड रुपए अर्पण जमा !

ऐसा कहने में आपत्ति नहीं की, हिन्‍दुओं के देवी-देवताओं की व्‍यर्थ आलोचना कर उनकी बुद्धि में भ्रम उत्‍पन्‍न करनेवाले पुरो(अधो)गामियों के मुख पर यह तमाचा है ! 

फर्रखाबाद (उत्तर प्रदेश) में रशीद मियां मकबरे के सर्वेक्षण का विवरण (रिपोर्ट) न्यायालय में प्रस्तुत होगा  !

रशिदाबाद में ‘रशीद मियां मकबरा’ एक शिवमंदिर है, ऐसा दावा न्यायालय में याचिका प्रविष्ट कर किया गया था । तदनंतर न्यायालय ने इस स्थान का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था ।

परवेज परवाज को ७ वर्ष कारावास का दंड !

‘१७ वर्षों के उपरांत मिला न्‍याय, क्‍या यह अन्‍याय नहीं ? ’, एसा नागरिकों को लगता है !

औषधियों की गुणवत्ता की जांच नहीं करने वाले तथा फर्जी प्रतिष्ठान का समर्थन करने वाले सरकारी अधिकारियों पर कब कार्रवाई होगी ? – हिन्‍दू न्‍याय परिषद का प्रश्‍न

हाल ही में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने नागपुर के सरकारी अस्‍पताल ‘इंदिरा गांधी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्‍पिटल’ पर छापा मारकर ’सिप्रोफ्लोक्‍सासिन’ की २१,६00 नकली गोलियां जप्‍त की हैं ।

सेना से निवृत्त होकर आतंकवादी बना रियाज गिरफ्तार !

रियाज जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा का निवासी है । वह ‘लश्कर-ए-तोएबा’ के लिए काम कर रहा था ।

Indo-Myanmar Fencing : भारत म्यानमार की सीमा पर १ सहस्र ६४३ कि.मी. लंबी बाड बनाई जाएगी !

पहले ही म्यानमार की ओर से घुसे घुसपैठी रोहिंग्याओं को शीघ्र ही देश से बाहर निकालने के लिए सरकार को प्रयास करने चाहिए, जनता को भी ऐसा लगता है !

Caste Hinduism : कैलिफोर्निया सरकार ने स्वीकृति दी कि जातिगत भेदभाव हिन्दू धर्म का भाग नहीं है  !

हिन्दू अमेरिकनों के लिए बडी जीत ! – हिन्दू संगठन

Religious Education UK Schools : ब्रिटिश विद्यालयों में आगामी मास से भारत के विभिन्न धर्मों की शिक्षा मिलेगी !

हिन्दू, जैन, सिख और बौद्ध धर्म की दी जाएगी शिक्षा !

पांडवों ने ५ गांव मांगे थे, हम तो केवल ३ स्थान मांग रहे थे !

योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी के विषय में कहा कि भारत में लोगों की आस्था का अनादर हो रहा है तथा बहुसंख्यक समाज को भीख मांगनी पडे, ऐसा विश्व में अन्यत्र कहीं नहीं हुआ है । जो काम अब चल रहा है, वह स्वतंत्र भारत में इससे पूर्व ही आरंभ हो जाना चाहिए थे ।