तमिलनाडु में पूरे हिन्दू-बहुल गांव के स्वामित्व का अधिकार कथन किया !
तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रविड़ प्रगति संघ) दल की सरकार है या वक्फ बोर्ड की ?
तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रविड़ प्रगति संघ) दल की सरकार है या वक्फ बोर्ड की ?
स्वयं को नास्तिकतावादी कहलवाने वाली द्रमुक सरकार नास्तिक न होकर ईसाइयों की चमचागीरी करने वाली और हिन्दू विरोधी सरकार है, यही इससे ध्यान में आता है !
राहुल गांधी को ‘यह विधान मान्य है अथवा नहीं’, उन्हें यह सार्वजनिक (जाहिर) रूप से भारतीयों को बताना चाहिए, अन्यथा उन्हें यह विधान मान्य है, ऐसा ही समझा जाएगा !
‘कोयंबतूर भारत में है अथवा पाकिस्तान में ?’, किसी के भी मन में ऐसा प्रश्न उपस्थित हो सकता है !
भक्त शांति की शोध में मंदिरों में जाते हैं किन्तु यदि मंदिर ही अब कानून व्यवस्था के लिए समस्या बनते जा रहे हैं तो उनका मुख्य उद्देश्य ही समाप्त हो गया है ।
मुख्यधारा के हिन्दुत्व विरोधी समाचार माध्यम चुप हैं, क्योंकि इस प्रकरण में ईसाई विद्यालय आरोपी है। यदि राष्ट्रीय स्वयं संघ या किसी अन्य हिन्दू विद्यालय में ऐसी घटना हुई होती, तो हिन्दू द्वेष्टों ने आकाश-पाताल एक कर हिन्दुओं की संस्था को आरोपी के कटघरे में खडा कर दिया होता, यह समझ लें !
देश के एक भी हिन्दू ने अभी तक कभी भी हिन्दू होने का बताकर तिरंगा फहराने से और उसे वंदन करने से मना किया है क्या ? परंतु अन्य धर्मियों के द्वारा अनेकों बार विरोध करने के साथ ही साथ इसका अनादर भी किया गया है और अभी भी जारी है ।
सेलम में श्री वेणुगोपाल कृष्णस्वामी मंदिर की भूमि पर हुआ अतिक्रमण हटाने का आदेश मद्रास उच्च न्यायालय ने तहसीलदाराें को दिया ।
तमिलनाडु में मई माह में पकडे गए नवीन चक्रवर्ती और संजय प्रकाश इन दो युवकों की राष्ट्रीय जांच तंत्र द्वारा (एन.आई.ए.) की जांच में सामने आया कि, उन्होंने ‘लिबरेशन टाइगर ऑफ तमिल ईलम्’ (एल.टी.टी.ई.) जैसा संगठन तैयार कर सशस्त्र संघर्ष करने की योजना बनाई है ।
गोमाता हिन्दुओं के लिए पूजनीय है । शासकीय ‘खाद्य उत्सव’ में गोमांसमिश्रित बिरियानी को समाविष्ट करना, अर्थात हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करना !