तमिलनाडु में पूरे हिन्दू-बहुल गांव के स्वामित्व का अधिकार कथन किया !

चेन्नई (तमिलनाडु) – तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने राज्य के तिरुचिरापल्ली जिले के पूर्ण तिरुचेंदुरई गांव के स्वामित्व का अधिकार कथन किया है ।

तमिल दैनिक ‘दिनमलार’ के वृत्तानुसार ,

१. मुल्लिकारुपुर के राजगोपाल, जिनके पास तिरुचेंदुरई गाँव में एक खेत था, ने अपने १ एकड़ के खेत की राजराजेश्वरी को विक्री करने का अनुबंध किया था। उसके लिए जब वह ३ लाख ५० सहस्त्र रुपये के क्रय पत्र को पंजीकृत कराने के लिए पंजीकरण कार्यालय गया, तो उसका पंजीकरण नहीं हो सका क्योंकि उप-पंजीयक ने कहा , कि ´´ वह भूमि तमिलनाडु वक्फ बोर्ड की है। भूमि विक्री करने के लिए चेन्नई स्थित तमिलनाडु वक्फ बोर्ड कार्यालय से ‘अनापत्ति प्रमाण पत्र’ प्राप्त करना होगा ” ।

२. राजगोपाल ने पूछा, “क्या १९९२ में क्रय की गई भूमि को विक्री करने के लिए वक्फ बोर्ड से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना आवश्यक है?” तब उप-पंजीयक ने उससे कहा, ‘यदि तिरुचेंदुरई गांव में कोई भूमि क्रय अनुबंध करना है, तो वक्फ बोर्ड की अनुमति लेनी होगी। वक्फ बोर्ड ने पंजीकरण विभाग को स्वामित्व विधिक लेख्य के साथ पत्र भेजा है जिसमें कहा गया है कि पूरा गांव उसका है और जो लोग भूमि के लिए अनुबंध करने के लिए गांव में आते हैं, उन्हें बोर्ड से अनुमति लेनी होगी। इस संबंध में २५० पृष्टों का वक्फ बोर्ड का पत्र भी उन्हें दिखाया गया। उस पत्र में वक्फ बोर्ड ने कहा है कि उसके पास तमिलनाडु में सहस्त्रों  एकड़ भूमि का स्वामित्व है।

बहुसंख्यक हिन्दुओं वाले गाँव पर वक्फ बोर्ड का क्या अधिकार है ? – भाजपा

भाजपा नेता अल्लूर प्रकाश ने कहा कि तिरुचेंदुरई गांव कावेरी नदी के दक्षिणी तट पर एक सुरम्य कृषि प्रधान गांव है, वहां के अधिकांश निवासी लोग हिन्दू हैं । वक्फ बोर्ड और तिरुचेंदुरई गांव के बीच क्या संबंध है ? वहां मानेदियावल्ली समेथा चंद्रशेखर स्वामी मंदिर है । विभिन्न प्रपत्रों एवं साक्ष्यों के अनुसार यह मंदिर १ हजार ५०० वर्ष पुराना सिद्ध होता है । मंदिर के पास तिरुचेंदुरई गांव के अंदर और बाहर ३६९  एकड़ भूमि है । मंदिर की यह भूमि भी वक्फ बोर्ड की कैसे हो सकती है ?

जब एक ग्रामवासी के पास भूमि के स्वामित्व के विधिलेख हैं, तो वक्फ बोर्ड बिना किसी साक्ष्य के संपत्ति को अपना कैसे घोषित कर सकता है ? भले ही वक्फ बोर्ड ने पत्र प्रदर्शित कर स्वामित्व कथन किया हो कि भूमि उसकी है, तब भी पंजीकरण विभाग के उच्च अधिकारी वक्फ बोर्ड के कथन की पुष्टि किए बिना पंजीकरण न करने का आदेश कैसे दे सकते हैं ?

संपादकीय भूमिका

तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रविड़ प्रगति संघ) दल की सरकार है या वक्फ बोर्ड की ?