मध्य प्रदेश सरकार ने की ज्येष्ठ नागरिकों को वायुयान से तीर्थक्षेत्रों के निःशुल्क दर्शन की व्यवस्था !
मध्य प्रदेश सरकार का स्तुत्य उपक्रम ! यदि कोई कथित धर्म-निरपेक्षतावादी इस उपक्रम से ‘भगवाकरण’ हो रहा है, ऐसे चीखना आरंभ करे, तो आश्चर्य कैसा !
मध्य प्रदेश सरकार का स्तुत्य उपक्रम ! यदि कोई कथित धर्म-निरपेक्षतावादी इस उपक्रम से ‘भगवाकरण’ हो रहा है, ऐसे चीखना आरंभ करे, तो आश्चर्य कैसा !
लव जिहाद का विरोध करनेवाले हिन्दुओं को सर्वधर्मसमभाव का परामर्श देनेवाले अब चुप क्यों ?
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार का अभिनंदनीय निर्णय !
हिन्दू लडकियां ही नहीं, अपितु हिन्दू लडकों का भी ब्रेनवॉश द्वरा उनका धर्म परिवर्तन कर, उन्हे जिहादी आतंकवादी बनाने का यह षड्यंत्र स्थायीरूप से नष्ट करने के लिए हिन्दू राष्ट्र को पर्याय नहीं !
राजनीतिक दल एवं संतों में यही भेद है ! अधिकांश राजनीतिक दल जनता को पैसे, सुविधाएं आदि का लालच दिखाते हैं, जबकि हिन्दुओं के साधु-संत जनता को शाश्वत आनंद की अनुभूति की ओर अग्रसर होने के लिए साधना बताते हैं, यह समझें !
हमें स्वयं धर्मशिक्षा लेनी होगी और समाज को देनी होगी । यह एक प्रकार से धर्म की स्थापना का अर्थात पुरुषार्थ का कार्य है । ऐसा प्रतिपादन दिल्ली से उज्जैन यात्रा पर आए सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने किया । वे यहां के वेदनगर स्थित आनंद भवन में आयोजित हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे ।
वे सप्तर्षि गुरुकुल के संस्थापक परमाचार्य डॉ. देवकरण शर्मा अर्थात ‘देव’ के अमृत महोत्सव के अंतर्गत कालिदास अकादमी में आयोजित सम्मान एवं अभिनंदन ग्रंथ विमोचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे । इस समय सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा देकर डॉ. देवकरण शर्माजी का सम्मान किया ।
हिन्दू राष्ट्र संपर्क अभियान के अंतर्गत हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने स्वस्तिक पीठाधीश्वर डॉ. अवधेश पुरी महाराजजी की भेंट लेकर उनसे हिन्दू राष्ट्र के विषय में संवाद किया
धर्म से संबंधित मूलभूत बातें यदि हिन्दुओं को ज्ञात नहीं होंगी, तो सनातन धर्म की रक्षा कैसे हो पाएगी । इसलिए धर्म को समझ लेना, उसके अनुसार आचरण करना एवं उसका प्रसार करना आवश्यक है ।
धर्मसम्राट स्वामी श्री करपात्रीजी महाराज स्मृति समारोह एवं रुद्रचंडी याग’ के उपलक्ष्य में यहां के स्वामी शंकराचार्य मठ में व्याख्यान का आयोजन किया था, उसमें मार्गदर्शन करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।