धर्माचरण का महत्त्व आनेवाली पीढी तक पहुंचाना साधना है ! – सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी

सद्गुरु डॉ. चारूदत्त पिंगळेजी

भोपाल (मध्य प्रदेश) – ‘‘क्या आज हम हिन्दू हैं ? क्या केवल हमारी जाति के प्रमाणपत्र पर ‘हिन्दू’ लिखा है; इसलिए हम हिन्दू हैं अथवा हम धर्म के अनुसार आचरण करते हैं; इसलिए हिन्दू हैं ? धर्म का आचरण करना तथा आनेवाली पीढी तक धर्माचरण का महत्त्व पहुंचाना काल के अनुसार महत्त्वपूर्ण साधना है’’, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारूदत्त पिंगळेजी ने किया । यहां के जिज्ञासुओं तथा धर्मनिष्ठों के लिए यहां की मीनल रेसिडेंसी में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।

सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी ने कहा कि आज हिन्दुओं की रक्षा के लिए विभिन्न संगठन कार्य कर रहे हैं; परंतु हिन्दुत्व, हिन्दू धर्म एवं हिन्दुओं के आस्था के केंद्रों की रक्षा के लिए हिन्दुओं के पास क्या योजनाएं हैं ! हिन्दू क्या है ? हमारे त्योहारों एवं उत्सवों का क्या शास्त्र है ? ऐसे धर्म से संबंधित मूलभूत बातें यदि हिन्दुओं को ज्ञात नहीं होंगी, तो सनातन धर्म की रक्षा कैसे हो पाएगी । इसलिए धर्म को समझ लेना, उसके अनुसार आचरण करना एवं उसका प्रसार करना आवश्यक है ।