असम के अनेक जिलों में हिन्दू ही अल्पसंख्यक बन गए हैं ! – मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा

जिन जिलों में ‘हिन्दू बहुसंख्यक’ नहीं हैं, न्यूनतम उन जिलों में तो हिन्दुओं को ‘अल्पसंख्यक’ घोषित किया जाए । असम में ऐसे अनेक जिले हैं, जहां हिन्दू अल्पसंख्यक हैं । उनमें भी कुछ जिलों में हिन्दुओं की संख्या ५ सहस्र से भी अल्प है और वहां मुसलमान बहुसंख्यक हैं ।

‘इंस्टाग्राम’ पर धर्मांध द्वारा हिन्दू लडकियों पर बलात्कार कर उनकी हत्या करने की धमकी !

‘अल्पसंख्यक’ कहलानेवाले समाज द्वारा ८० करोड जनसंख्या की हत्या करने की धमकी मिलनेवाला विश्व का एकमात्र देश भारत !

असम की स्थिति कश्मीर जैसी नहीं होगी, इसके लिए मुसलमान हिन्दुओं को आश्वस्त करें !

क्या अभी तक असम के किसी मुख्यमंत्री ने इतनी कठोरता से मुसलमानों को सुनाया था ? असम के हिन्दुओं की रक्षा करने के लिए सरमा कठोर कदम उठाएं, यही हिन्दुओं की भावना है !

असम सरकार का मदरसों में दी जानेवाली शिक्षा बंद करने का साहसिक निर्णय !

१. असम सरकार द्वारा मदरसों में दी जानेवाली धार्मिक शिक्षा के स्थान पर वहां विद्यालयों के विषयों को सिखाने का कानून बनाया जाना      ‘पिछले कुछ वर्षों से असम में हिन्दू एवं राष्ट्र प्रेमी सरकार सत्ता में है । वहां के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने राष्ट्र की एकता … Read more

असम के निजी मदरसों में आतंकवादी तैयार किए जाते हैं ! – भाजपा का अरोप

असम में भाजपा की सरकार होते हुए, भाजपा को ऐसे मदरसों की पूछताछ कर, उनमें यदि वे दोषी पाए जाते हैं, तो उन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए !

असम में अनेक आतंकवादी संगठन सक्रिय ! – हिमंत बिस्व सरमा, मुख्यमंत्री, आसाम

आतंकियों को नष्ट करने के लिए, उनके निर्माता पाकिस्तान तथा बांग्लादेश को नष्ट करना आवश्यक !

असम की बांग्लादेश सीमा पर गोवंश की तस्करी करनेवालों द्वारा सीमा सुरक्षा बल के सैनिकों पर आक्रमण

गोवंश की तस्करी करनेवाले कल तक गोरक्षक और पुलिस पर आक्रमण करते थे, अब वे सैनिकों पर भी आक्रमण करने का साहस कर रहे हैं । यह देखते हुए ऐसे लोगों को फांसी का ही दंड देने का कानून बनाना आवश्यक है !

आसाम की बांगलादेश सीमा पर गोवंश की तस्करी करने वालों की ओर से सीमा सुरक्षा बल के सैनिकों पर आक्रमण

गोवंश की तस्करी करने वाले कल तक गोरक्षक और पुलिस पर आक्रमण करते थे, अब वे सैनिकों पर भी आक्रमण करने का साहस कर रहे हैं । यह देखते हुए ऐसों को फांसी की ही सजा देने का कानून बनाना आवश्यक है !