हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए प्रधानता लेकर कार्य कीजिए !

आज जहां सर्वत्र वैचारिक स्तर पर ध्रुवीकरण होने के समय आप सभी हिन्दू राष्ट्र-स्थापना का प्रभावशाली पद्धति से प्रस्तुतिकरण करनेवाले अध्येता वक्ता बनिए, साथ ही लेखन, सामाजिक माध्यमों आदि के माध्यम से वैचारिक कार्य कीजिए, ऐसा आवाहन सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने किया ।

प्राचीन धर्मशास्त्रों के आधार पर भारतीय संविधान तैयार किया जाए !

‘संविधान बनाते समय शंकराचार्य, धर्माचार्य जैसे धर्म के जानकारों का मत लिया जाए ।’, ‘भारतीय संविधान में ‘पंथ’ एवं ‘धर्म’, साथ ही ‘रिलीजन’ आदि की परिभाषाएं स्पष्ट की जाएं ।’

हिन्दू राष्ट्र संसद में सहभागी सदस्यों और विशेषज्ञ समिति के सदस्यों द्वारा रखे गए सूत्र !

हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता को कारागृह में डाले जाने पर उसके परिवार को अनेक संघर्षाें का सामना करना पडता है । उनके बच्चों के भविष्य का विचार नहीं किया जाता, उसके कारण उसके परिवार को आवश्यक सहायता नहीं मिलती ।

हिन्दू राष्ट्र बनाने से हमें कोई नहीं रोक सकता ! – भाजपा के विधायक टी. राजा सिंह

रामनाथी, गोवा में दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में ‘सर्व समस्याओं का प्रतिकार कर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का संकल्प करें’, इस विषय पर मार्गदर्शन करते हुए वह बोल रहे थे ।रामनाथी, गोवा में दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में ‘सर्व समस्याओं का प्रतिकार कर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का संकल्प करें’, इस विषय पर मार्गदर्शन करते हुए वह बोल रहे थे ।

वर्ष २०२४ के लोकसभा चुनावों के पूर्व केंद्रशासन सर्व हिन्दूविरोधी कानून रहित करे ! – पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैन, सर्वाेच्च न्यायालय

देश में कृषि कानून, नागरिकत्व सुधार कनून के विरोध में आंदोलन हो सकता है, तो हिन्दुत्व के लिए आंदोलन क्यों नहीं हो सकता ? हिन्दुत्व के लिए देश को हिलाकर रख देना चाहिए । अब हिन्दुओं को यह दिखा देना चाहिए, ‘हिन्दूहित का लिए काम करनेवाले ही देश पर राज्य कर सकेंगे !

वह दिन दूर नहीं है जब हिन्दू एकत्रित आकर काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा करेंगे ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सर्वाेच्च न्यायालय

ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाना का (नमाज के पहले हाथ-पैर धोने का स्थान) पानी लगातार तीन दिन तक निकालने पर वहां भव्य शिवलिंग मिला । जिस समय मुझे उस भव्य शिवलिंग के दर्शन हुए, उस समय मैंने निश्चय किया कि, आगे से हिन्दुओं के आराध्य देवताओं का अनादर नहीं होने दूंगा ।

न्यायालय का निर्णय न माननेवालों को कर्नाटक राज्य के हिन्दुओं ने अच्छा पाठ पढाया है ! – अधिवक्ता अमृतेश एन्.पी., राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, हिन्दू विधिज्ञ परिषद

‘‘कर्नाटक राज्य से आरंभ हुआ ‘हिजाबविरोधी आंदोलन’ कुछ दिन उपरांत राष्ट्रीय विषय बना । इसमें कुछ मुसलमान छात्राओं ने ‘हम हिजाब पहनेंगे ही’, इस मांग को लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की । इस याचिका के पक्ष में लडने के लिए अनेक अधिवक्ता खडे रहे, तो सरकार के पक्ष में और विरोध में लडने के लिए अत्यंत अल्प संख्या में अधिवक्ता थे ।

हिन्दुओं का वंशविच्छेद मान्य करेंगे, तब ही कश्मीरी हिन्दुओं का पुनर्वसन संभव ! – राहुल कौल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, यूथ फॉर पनून कश्मीर

‘द कश्मीर फाइल्स’ नामक चलचित्र में कश्मीरी हिन्दुओं पर आई भीषण परिस्थिति केवल ५ प्रतिशत ही दिखाई गई है । कश्मीर में केवल कश्मीरी हिन्दुओं के पुनर्वसन का प्रश्न है, इस भ्रम में न रहें । कश्मीर में भारतीय राष्ट्रवाद निर्माण होना आवश्यक है ।

कानून में स्थित त्रुटियों के कारण न्यायालयीन निर्णयों से सच्चाई नहीं बाहर आती ! – अधिवक्ता मकरंद आडकर, अध्यक्ष, महाराष्ट्र शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक संस्था, नई देहली

‘दार-उल-इस्लाम’ धर्मांधों की संकल्पना है इसलिए उन्हें भारतभूमि को ‘गजवा-ए- हिंद’ बनाना है । अत: धर्मांधों द्वारा ‘लैंड जिहाद’ का षड्यंत्र रचा जा रहा है । यह रोकने के लिए ‘सब भूमी गोपाल की’ अर्थात ‘सब भूमि हमारी है’, यह तत्त्व मन में बिंबित करना होगा ।

हिन्दू धर्म के विरोध में लिखनेवाले प्रसिद्धि माध्यमों को न्यायालय में उत्तर देना होगा ! – अधिवक्ता नागेश जोशी, सचिव, हिन्दू विधिज्ञ परिषद, गोवा

‘प्रसिद्धि और पैसे मिलेंगे, इसलिए हिन्दू धर्म और धर्माभिमानियों की निंदा करो’ ऐसे षड्यंत्र आजकल बडी संख्या में बढ गए हैं । ‘माध्यमों के द्वारा होनेवाली अपकीर्ति को अनदेखा करना’, ऐसी भूमिका कुछ संगठनों की है । इसलिए ऐसे प्रसारमाध्यम अधिक फलते हैं; परंतु सनातन संस्था ने प्रारंभ से ही ऐसे माध्यमों के विरोध में कानूनी लडाई लडने की भूमिका निभाई है ।