३६ बमशोधक दल के द्वारा पूरे महाकुंभक्षेत्र की पडताल !
धर्मांध मुसलमानों द्वारा महाकुंभपर्व में घातपात की धमकी दिए जाने की पृष्ठभूमि पर बम शोधक तथा बमविनाशक दल की ओर से पूरे महाकुंभक्षेत्र की पडताल आरंभ की गई है ।
धर्मांध मुसलमानों द्वारा महाकुंभपर्व में घातपात की धमकी दिए जाने की पृष्ठभूमि पर बम शोधक तथा बमविनाशक दल की ओर से पूरे महाकुंभक्षेत्र की पडताल आरंभ की गई है ।
महाकुंभ पर्व में स्नान के लिए आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस ने कमर कस ली है । राज्य और केंद्रीय सुरक्षा बलों का प्रत्येक विभाग अपने-अपने ढंग से जनजागृति कर रहा है ।
सोशल मीडिया पर हिंसा फैलाने की धमकियों के कारण महाकुंभ क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है । प्रत्येक क्षेत्र के आसपास पुलिस तैनात कर दी गई है, और सुरक्षा कारणों से सभी दुकानों में प्रवेश करने वाले नागरिकों का चित्रीकरण आरंभ कर दिया गया है ।
चीन में बड़े पैमाने पर ‘ह्यूमन मेटापन्यूमो वायरस’ (एच.एम.पी.वी.) नामक वायरस का संक्रमण हो रहा है। अब भारत में बेंगलुरु में इस वायरस से संक्रमित पहला रोगी पाया गया है। मुख्य बात यह है कि यह रोगी मात्र ८ महीने का बच्चा है।
केवल साईं बाबा का मंदिर ही नहीं बल्कि किसी भी हिन्दू मंदिर में भक्तों को प्रसाद उपलब्ध कराना न्यासियों तथा मंदिर समितियों की एक प्रमुख सेवा है । ऐसा प्रसाद देना भारत की प्राचीन परंपरा है !
सर्दी-खांसी के मरीजों का सर्वे करने का निर्देश दिया गया है । महाराष्ट्र सरकार ने भी स्वच्छता के नियमों का पालन करने के निर्देश दिए हैं ।
मुंबई उच्च न्यायालय नागपुर खंडपीठ ने एक प्रकरण की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी लडकी का पीछा करना कानूनन अपराध नहीं है। न्यायालय ने कहा कि अगर कोई किसी लडकी से बार-बार छेडछाड करता है तो उसके व्यवहार के आधार पर इसे अपराध माना जा सकता है ।
चीन में ‘एच.एम.पी.वी.’ नामक वायरस तीव्र गति से फैल रहा है । इस संदर्भ में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के तंत्र के साथ ही नागरिकों के लिए एक परिपत्रक प्रकाशित किया है तथा इसमें महत्त्वपूर्ण सूचनाएं दी गई हैं ।
जनता के पैसे जनता को देकर वोट पाने की यह नई परंपरा पूरे देश में आरंभ हो गई है, जिससे विकास कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ‘इससे हमें धोखा दिया जा रहा है,’ यह बात जनता को समझ नहीं आ रही है, यही सबसे बड़ा दुर्भाग्य है!
१५ जनवरी से १४ फरवरी की अवधि में यह महायज्ञ होगा । इस महायज्ञ में ३२४ यज्ञकुण्ड बनाए जा रहे हैं । इस महायज्ञ के लिए पूरे देश से २ सहस्र १०० ब्रह्मवृंद आनेवाले हैं ।