बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों के बीच हुए झगडे में एक कार्यकर्ता की मृत्यु
बंगाल में राष्ट्रपति शासन कब लागू होगा ?
बंगाल में राष्ट्रपति शासन कब लागू होगा ?
पंचायत स्तर के चुनावों के लिए केंद्रीय बल को तैनात करना पडता है, यह तथ्य स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति कितनी बिगड चुकी है । इसलिए केंद्र सरकार को बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए !
मालदा जिले में कालियाचक के भांगर क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस और ‘इंडियन सेकुलर फ्रंट’ के कार्यकर्ताओं में हुई मारपीट में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता की मृत्यु हो गई ।
एक-दूसरे पर बम फेंककर हिंसा करनेवाली पार्टी राज्य में यदि सत्तारूढ है, तो यह लोकतंत्र के लिए कलंक ! स्वयं को लोकतंत्र के सेवक समझनेवाले अब तृणमूल कांग्रेस कर रही इस हिंसा के संदर्भ में क्यों नहीं बोलते ?
गत कुछ वर्षों में बंगाल में ऐसी ही स्थिति रहते हुए उसमें सुधार करने हेतु ठोस निर्णय न लेनेवाले जनताद्रोही ही हैं !
बंगाल में पंचायत चुनाव की घोषणा के उपरांत हिंसा
कांग्रेस द्वारा तृणमूल कांग्रेस पर हत्या का आरोप
बंगाल में लोकतंत्र के नाम पर तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा हुकुमशाही ही चल रही है, वे ही आतंक निर्माण कर रहे हैं ! ऐसी सरकार को शीघ्र से शीघ्र विसर्जित करना आवश्यक है !
बंगाल में लोकतंत्र नहीं, अपितु तानाशाही है, इसका और एक उदाहरण ! ‘द केरल स्टोरी’ चलचित्र पर प्रतिबंध लगाने पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा फटकार लगाने पर भी तृणमूल कांग्रेस सरकार पर कोई परिणाम नहीं हुआ ।
सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय अत्यंत प्रशंसनीय है । इसके साथ ही हिन्दुओं का मत है कि मुसलमानों का तुष्टीकरण करने के लिए सरकार ने हिन्दुओं के दमन हेतु यह अन्यायपूर्ण प्रतिबंध लगाया, जिसके लिए बंगाल सरकार को दंडित किया जाना चाहिए !
हिन्दुओं को बंगाल में सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु में सत्तारूढ द्रविड मुनेत्र कड़गम (द्रविड प्रगति संघ) को एक राजनीतिक सबक सिखाने की नितांत आवश्यकता है, क्यों की वे केवल हिन्दू देश में हिन्दुओं के उपर होनेवाले अत्याचारों को उजागर करने वाले चित्रपट पर प्रतिबंध लगाते हैं !