तमिलनाडू राज्य में सिनेमाघरों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार को आदेश !
नई देहली – सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को फटकार लगाते हुए, चलचित्र ‘द केरला स्टोरी’ के प्रदर्शन पर कानून व्यवस्था के आधार पर बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटाने का आदेश दिया । इसके साथ ही तमिलनाडू सरकार ने चलचित्र देखने के लिए सुरक्षा देने का भी आदेश दिया । चलचित्र पर प्रतिबंध लगाते हुए बंगाल सरकार ने कहा था कि इस चिलचित्र से लोगों की भावनाएं भडकने की संभावना है । इस प्रकरण में अगली सुनवाई १८ जुलाई को होगी ।
बंगाल में कोई चलचित्र कैसे प्रतिबंधित हो सकता है ? जबकि पूरे देश में वह प्रदर्शित हुआ है?
मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड ने कहा कि आप भावनाओं के आधार पर लोगों के मौलिक अधिकार में हस्तक्षेप नहीं कर सकते । कानून व्यवस्था बनाए रखने का दायित्व राज्य सरकार का होता है । यदि किसी जिले में विशेष परिस्थितियों के कारण प्रतिबंध लगाया जाता तो बात कुछ और होती; किंतु आपने इस चलचित्र को पूरे राज्य में प्रतिबंधित कर दिया । बंगाल सरकार द्वारा चलचित्र पर प्रतिबंध लगाने का कोई उचित आधार नहीं दिखता है । कानून व्यवस्था के नाम पर इस चलचित्र को एक राज्य में कैसे प्रतिबंधित किया जा सकता है जबकि यह पूरे देश में प्रदर्शित हुआ है ? मुख्य न्यायाधीश ने ऐसा प्रश्न भी पूछा था ।
Supreme Court stays West Bengal government’s ban on ‘The Kerala Story’ film
https://t.co/PSROTaPgTQ— OpIndia.com (@OpIndia_com) May 18, 2023
यदि आपको चलचित्र नहीं भाता, तो इसे न देखें !
किसी भी प्रकार की असहिष्णुता स्वीकार नहीं की जाएगी, किंतु अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार को किसी की भावनाओं अथवा सार्वजनिक प्रदर्शनों के कारण निश्चित नहीं किया जा सकता । भावनाओं का सार्वजनिक प्रदर्शन भी संयमित होना चाहिए । यदि आपको चलचित्र पसंद नहीं है तो मत देखिए, मुख्य न्यायाधीश ।
संपादकीय भूमिकासर्वोच्च न्यायालय का निर्णय अत्यंत प्रशंसनीय है । इसके साथ ही हिन्दुओं का मत है कि मुसलमानों का तुष्टीकरण करने के लिए सरकार ने हिन्दुओं के दमन हेतु यह अन्यायपूर्ण प्रतिबंध लगाया, जिसके लिए बंगाल सरकार को दंडित किया जाना चाहिए ! |