मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़ी १६ याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने आदेश किया सुरक्षित ! 

न्यायालय निश्चित करेगा कि एडवोकेट कमिश्नर के माध्यम से जन्मभूमि क्षेत्र का सर्वेक्षण कराने का आदेश दें ? अथवा धार्मिक स्थल कानून १९९१ के अंतर्गत सुनवाई पहले हो ।

SC/ST Act, Madhya Pradesh High Court : कर्मचारी कक्ष में जातिवाचक उल्लेख करना अपराध नहीं ! – मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय 

पुलिस ने कमलेश शुक्ला और आशुतोष तिवारी इन दोनों के विरोध में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कानून के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट किया था ।

५ वर्ष की लड़की से बलात्कार कर उसकी हत्या करने वाले अशफाक आलम को मिला फांसी का दंड 

उसके विरुद्ध कुल १६ अपराधों की सुनवाई न्यायालय में चल रही थी । इन सभी अपराधों में उसका दोष सिद्ध हो गया और उनमें से ५ अपराधों के लिए फांसी का दंड सुनाया गया ।

दाभोलकर-पानसरे हत्या की भटकी हुई जांच की कथा

इस पुस्तक में समाहित ‘जांच का एक अनुत्तरित प्रश्न : पिस्तौल गई कहां ?’, इस एक ही अध्याय से इस जांच में हो रही सामान्य लोगों की भी समझ में आनेवाली त्रुटियां सामने आती हैं । इन जांच संस्थाओं की यह जांच देखकर अक्षरशः ‘हंसे या रोएं ?’, यही समझ में नहीं आता ।

विवाहित होने की जानकारी छिपाकर फंसाने की घटनाओं को अपराध की श्रेणी में डालने की संसदीय समिति की शिफारिश !

ऐसे प्रकरणों में १० वर्ष के कारावास सहित आर्थिक दंड का भी प्रावधान है ।

६३ वर्षीय थॉमस सैमुअल ने लडकी को गोद लेकर किया उसका बलात्कार : न्यायालय ने सुनाया १०९ वर्ष का दंड

आरोपी थॉमस सैमुअल ने जिस लडकी का बलात्कार किया, उसे कुछ वर्ष पूर्व उसने गोद लिया था ।

राजधानी के अतिक्रमण न किए हुए वन क्षेत्र को ‘संरक्षित वन’ घोषित करें ! – देहली उच्च न्यायालय

देहलीवासियों को भगवान की दया पर छोड दिया गया है, ऐसा कह डालें ! – न्यायालय

ChhathPooja : बंदी के विरोध में याचिका पर सुनवाई करने से देहली उच्च न्यायालय की मनाही !

छठ पूजा के कारण नहीं, अपितु कारखानों के रासायनिक पदार्थ एवंअन्य प्रदूषणकारी कचरा नदी में छोडे जाने से यमुना नदी की स्थिति अत्यंत बुरी हो गई है । इन वास्तविक कारणों पर उपाय निकालने के स्थान पर पूजा पर प्रतिबंध लगानेवाली देहली के आम आदमी पक्ष की सरकार जनताद्रोही और हिन्दूद्रोही है !

किसी को भी किसी भी विचारधारा को नष्ट करने का अधिकार नहीं है! – मद्रास उच्च न्यायालय

जनसामान्य का विचार है कि माननीय न्यायालय को मात्र फटकार लगाकर, निंद्य कृति करने वालों इस प्रकार छोडना नहीं चाहिए, बल्कि संबंधित पुलिस के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने और आरोपियों को बंदी बनाने का आदेश भी देना चाहिए !

ShriRamCharitManas Allahabad High Court : श्रीरामचरितमानस उचित संदर्भ के साथ पढा जाना चाहिए ! – इलाहाबाद उच्च न्यायालय

मौर्य लगातार हिन्दू धर्म की अवमानना कर रहे हैं । इसलिए हिन्दुओं को लगता है कि उन्हें केवल चेतावनी देने से काम नहीं चलेगा; न्यायालय को उन्हें दंडित भी करना चाहिए !