मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़ी १६ याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने आदेश किया सुरक्षित !
न्यायालय निश्चित करेगा कि एडवोकेट कमिश्नर के माध्यम से जन्मभूमि क्षेत्र का सर्वेक्षण कराने का आदेश दें ? अथवा धार्मिक स्थल कानून १९९१ के अंतर्गत सुनवाई पहले हो ।
न्यायालय निश्चित करेगा कि एडवोकेट कमिश्नर के माध्यम से जन्मभूमि क्षेत्र का सर्वेक्षण कराने का आदेश दें ? अथवा धार्मिक स्थल कानून १९९१ के अंतर्गत सुनवाई पहले हो ।
पुलिस ने कमलेश शुक्ला और आशुतोष तिवारी इन दोनों के विरोध में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कानून के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट किया था ।
उसके विरुद्ध कुल १६ अपराधों की सुनवाई न्यायालय में चल रही थी । इन सभी अपराधों में उसका दोष सिद्ध हो गया और उनमें से ५ अपराधों के लिए फांसी का दंड सुनाया गया ।
इस पुस्तक में समाहित ‘जांच का एक अनुत्तरित प्रश्न : पिस्तौल गई कहां ?’, इस एक ही अध्याय से इस जांच में हो रही सामान्य लोगों की भी समझ में आनेवाली त्रुटियां सामने आती हैं । इन जांच संस्थाओं की यह जांच देखकर अक्षरशः ‘हंसे या रोएं ?’, यही समझ में नहीं आता ।
ऐसे प्रकरणों में १० वर्ष के कारावास सहित आर्थिक दंड का भी प्रावधान है ।
आरोपी थॉमस सैमुअल ने जिस लडकी का बलात्कार किया, उसे कुछ वर्ष पूर्व उसने गोद लिया था ।
देहलीवासियों को भगवान की दया पर छोड दिया गया है, ऐसा कह डालें ! – न्यायालय
छठ पूजा के कारण नहीं, अपितु कारखानों के रासायनिक पदार्थ एवंअन्य प्रदूषणकारी कचरा नदी में छोडे जाने से यमुना नदी की स्थिति अत्यंत बुरी हो गई है । इन वास्तविक कारणों पर उपाय निकालने के स्थान पर पूजा पर प्रतिबंध लगानेवाली देहली के आम आदमी पक्ष की सरकार जनताद्रोही और हिन्दूद्रोही है !
जनसामान्य का विचार है कि माननीय न्यायालय को मात्र फटकार लगाकर, निंद्य कृति करने वालों इस प्रकार छोडना नहीं चाहिए, बल्कि संबंधित पुलिस के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने और आरोपियों को बंदी बनाने का आदेश भी देना चाहिए !
मौर्य लगातार हिन्दू धर्म की अवमानना कर रहे हैं । इसलिए हिन्दुओं को लगता है कि उन्हें केवल चेतावनी देने से काम नहीं चलेगा; न्यायालय को उन्हें दंडित भी करना चाहिए !