‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ की ओर से ‘आभूषणों का व्यक्ति पर होनेवाला प्रभाव’ विषय पर फ्रांस में ‘ऑनलाइन’ पद्धति से शोधनिबंध का प्रस्तुतीकरण !

आध्यात्मिक दृष्टि से सकारात्मक आकार के आभूषण सात्त्विक स्पंदनों को आकर्षित कर सकते हैं तथा स्त्री को उसकी आध्यात्मिक प्रगति में लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं, तो दूसरी ओर आध्यात्मिक दृष्टि से नकारात्मक आकार के आभूषण रज-तमात्मक स्पंदनों को आकर्षित कर स्त्री के प्रभामंडल पर नकारात्मक प्रभाव करा सकते हैं ।

व्यक्ति जो आहार ग्रहण करता है, उसका व्यक्ति पर आध्यात्मिक स्तर पर होनेवाला परिणाम

पहले प्रयोग में व्यक्ति को उपाहार गृह में बनाए गए शाकाहारी (मिक्स वेज) एवं मांसाहारी (फिशफ्राई एवं चिकनफ्राई) पदार्थ खाने के लिए दिए गए । दूसरे प्रयोग में उसे सात्त्विक स्थान पर (सनातन के आश्रम में) बनाई गई सब्जी खाने के लिए दी गई ।

अगस्त २०२२ में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक परिषदों में सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी द्वारा लिखित आध्यात्मिक शोधकार्य पर आधारित २ शोधनिबंधों का प्रस्तुतीकरण !

विश्वविद्यालय ने अक्टूबर २०१६ से ३१ अगस्त २०२२ की अवधि में १७ राष्ट्रीय तथा ७९ अंतरराष्ट्रीय, ऐसे कुल मिलाकर ९६ वैज्ञानिक परिषदों में शोधनिबंध प्रस्तुत किए हैं । विश्वविद्यालय को अभी तक कुल ११ अंतरराष्ट्रीय परिषदों में ‘सर्वाेत्कृष्ट प्रस्तुतीकरण पुरस्कार’ प्राप्त हुए हैं ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी एवं श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी एवं श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी के भ्रूमध्य पर दैवी चिन्ह अंकित होने का अध्यात्मशास्त्र !

आध्यात्मिक गुरुओं का कार्य जब ज्ञानशक्ति के बल पर चल रहा होता है, तब उनके सहस्रारचक्र की ओर ईश्वरीय ज्ञान का प्रवाह आता है और वह उनके आज्ञाचक्र के द्वारा वायुमंडल में प्रक्षेपित होता है ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ८० वें जन्मोत्सव से पूर्व उनके बाएं हाथ की बांह पर अनेक दैवी कण आना, यह उनकी देह में विद्यमान श्रीविष्णु तत्त्व की जागृति का आरंभ होने का संकेत !

हे गुरुदेव, आपके रूप में हमें आपके अवतारी तत्त्वजागृति की यह अलौकिक घयना देखने का सौभाग्य मिल रहा है । आपका यह अवतारी तत्त्व हमें अधिकाधिक ग्रहण करना संभव हो’, यह आपके सुकोमल चरणों में प्रार्थना है !

शोध के माध्यम से संपूर्ण मानवजाति को अनमोल धरोहर उपलब्ध करानेवाले ‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ को चित्रीकरण हेतु उपयुक्त सामग्री की आवश्यकता !

‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ वैज्ञानिक परिभाषा में आध्यात्मिक शोध करने हेतु अद्वितीय कार्य करनेवाली संस्था है । इस विश्वविद्यालय के कुछ साधक संतों के मार्गदर्शन में विविध स्थानों पर यात्रा कर भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर संग्रहित कर रहे हैं ।

महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर अभिषेक करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ होना

महाशिवरात्रि का व्रत फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी की तिथि पर आता है । महाशिवरात्रि पर शिवतत्त्व सदैव की तुलना में १ सहस्र गुना कार्यरत होता है । महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की उपासना, अभिषेक, पूजा एवं जागरण करने की परंपरा है ।

बांसुरीवादन से संतपद प्राप्त करनेवाले पुणे के विख्यात बांसुरीवादक पू. पंडित केशव गिंडेजी की रामनाथी (गोवा) स्थित सनातन आश्रम को सदिच्छा भेंट !

आश्रम के स्वागतकक्ष में लगे सनातन-निर्मित भगवान श्रीकृष्ण के चित्र को देखते ही पू. पंडित गिंडेजी ने कहा, ‘‘चित्र में श्रीकृष्ण जीवित हैं । ऐसा लगता है, वे हमसे बात कर रहे हैं !’’ परात्पर गुरु डॉक्टरजी ने बताया, ‘‘श्रीकृष्ण के इस चित्र में ३१ प्रतिशत श्रीकृष्णतत्त्व है ।’’