प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ यूट्यूब चैनल ‘स्ट्रिंग रिवील्स’पर अन्यायपूर्ण बंदी !

अभिव्यक्तिस्वतंत्रता की ढींगे मारनेवाले सामाजिक माध्यम हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के खाते बंद कर उनकी आवाज दबाते हैं । इस दुहरी नीति के विरोध में अब हिन्दुओं को संगठितरूप से आवाज उठाकर उन पर बहिष्कार का अस्त्र हाथ में लेना आवश्यक है !

आपराधिक प्रकरणों के विषय में पुलिस द्वारा प्रसार माध्यमों को दी गई जानकारी के विषय में नियम तैयार करें !

न्यायालय ने कहा है कि पक्षपातपूर्ण वार्तांकन (रिपोर्टिंग) के कारण लोगों में अपराध करनेवाले व्यक्ति को लेकर संदेहास्पद वातावरण बन जाता है । माध्यमों द्वारा दिए गए समाचारों के कारण पीडिता की निजी बातें भी सामने आ जाती हैं ।

शीघ्र ही ‘एक्स’पर क्रमांक के बिना संभव होगा वीडियो बनाना एवं ऑडियो दूरभाष !

यह सुविधा आइओएस्, एंड्राईड एवं मैक, इन प्रणालियों पर उपलब्ध होंगी । इसके लिए किसी भी क्रमांक की आवश्यक नहीं होगी ।

प्रेषित मोहम्मद का अपमान करनेवालों का सिर काटने की धमकी देनेवाले गिरफ्तार !

मोहम्मद अयाज एवं अकबर सैयद ने  ‘एम.आई.एम.’ के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने वर्ष २०१२ में, ‘पुलिस को १५ मिनट के लिए हटाएं, फिर देखते हैं कौन अधिक शक्तिशाली है’, इस टिप्पणी को दाेहराया । 

हुब्बळ्ळी (कर्नाटक) में विद्यार्थिनियों के अश्लील छायाचित्र सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित !

हुब्बळ्ळी के एक महाविद्यालय की एक विद्यार्थिनी का ‘इन्स्टाग्राम’खाता ‘हैक कर’ उस खाते पर अश्लील छायाचित्र प्रसारित किए गए हैं । इतना ही नहीं, अपितु वे सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित किए गए हैं ।

‘लिव इन रिलेशनशिप’ के कारण युवा पीढी स्वयं का जीवन बिगाड रही है – इलाहाबाद उच्च न्यायालय

इस कारण उन्हें योग्य जीवनसाथी नहीं मिलता, ऐसा मत इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक मुकदमे की सुनवाई के समय व्यक्त किया ।

‘७२ हूरें’ चलचित्र (फिल्म) के दिग्दर्शक संजय चौहान को सामाजिक माध्यम से जान से मारने की धमकियां !

चलचित्र को मुसलमानविरोधी कहते हुए उसकी आलोचना

‘बकरी ईद’ के उपलक्ष्य पर लगाए गए फलक पर नाशिक का उल्लेख किया ‘गुलशनाबाद’ !

ऐसी घटना होना, पुलीस के लिए लज्जाजनक ! पुलिस, ऐसी गतिविधियों की जडें ढूंढकर संबंधितों पर कठोर कार्रवाई नहीं करती । इसीलिए धर्मांधों को अवसर मिलता है  !

(अब इनकी सुनिए…) ‘भारत सरकार ट्विटर प्रतिबंधित करनेवाली थी !’ – ट्विटर के हिन्दुद्वेषी सहसंस्थापक जैक डार्से

कृषि कानूनों का विरोध करने के पीछे खालिस्तानी आतंकवादी एवं जिहादी शक्तियां कार्यरत थीं । ऐसी अलगाववादी शक्तियों पर दबाव डालने का प्रयास करनेवालें संवाददाताओं के कुकृत्यों पर कार्रवाई होनी ही चाहिए, केंद्र सरकार द्वारा डार्से को ऐसी फटकार लगानी चाहिए !

लांजा (जिला रत्नागिरी, महाराष्ट्र)में धर्मांध ने रखा टिपू सुल्तान का महिमामंडन करनेवाला ‘स्टेटस’

महाराष्ट्र में औरंगजेब एवं टिपू सुल्तान का खुलेआम महिमामंडन करने की एक के पश्चात एक घटित घटनाएं तो हिन्दुओं का दमन कर दंगे भडकाने का जिहादियों का षड्यंत्र ही कहना पडेगा ! समाज में शांति बनाए रखने के लिए सरकार को ऐसी प्रवृत्तियों पर समय रहते ही लगाम लगानी चाहिए !