प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ यूट्यूब चैनल ‘स्ट्रिंग रिवील्स’पर अन्यायपूर्ण बंदी !

  • चैनल द्वारा नियमों का गंभीररूप से उल्लंघन करने का यूट्यूब ने लगाया ठप्पा !

  • १४ लाख से भी अधिक थे फोलोअर्स (अनुयायी) !

मुंबई (महाराष्ट्र) – हिन्दू एवं भारतविरोधी शक्तियों के षड्यंत्रों का उदाहरण सहित भांडाफोड (उजागर) करने हेतु प्रसिद्ध ‘स्ट्रिंग रिवील्स’ नामक यूट्यूब चैनल पर अतिशीघ्रता से यूट्यूब ने प्रतिबंध लगा दिया है । इसका कारण बताते हुए यूट्यूब ने कहा कि इस चैनल ने उनके नियमों का गंभीररूप से उल्लंघन किया है ।

यह जानकारी स्ट्रिंग रिवील्स ने ‘एक्स’द्वारा  पोस्ट कऱ दी है । इसमें ‘स्ट्रिंग रिवील्स’ने कहा कि यूट्यूब ने अब तक कभी भी इसप्रकार उन्हें किसी भी आक्षेपार्ह वीडियो के विरोध में चेतावनी नहीं दी; अपितु सीधे उन पर प्रतिबंध लगाकर अन्यायपूर्ण कार्रवाई की है । ‘स्ट्रिंग रिवील्स’ने आगे कहा है कि यूट्यूब यह स्पष्ट करे कि उसने किसका मन रखने के लिए यह कार्रवाई की है । आप यह कदापि न भूलें कि हम आपके विरोध में बहुत दूरतक जाकर लड सकते हैं । इसके साथ ही अभिव्यक्तिस्वतंत्रता के लिए केवल यूट्यूब ही एक माध्यम नहीं, यह भी ध्यान में रखें ! स्ट्रिंग रिवील्स पर इस कार्रवाई के विरोध में ‘एक्स’ (पूर्व का ट्वीटर) द्वारा हिन्दुओं ने अपना रोष व्यक्त किया है । अनेक हिन्दुत्वनिष्ठों ने कहा है कि ‘हम ‘स्ट्रिंग रिवील्स’के साथ हैं और उनके लिए लडने के लिए तैयार हैं ।’

सनातन प्रभात ने भी ट्वीट कर सूचित किया है कि ‍वह इस संदर्भ में सभी प्रकार से सहायता करेगा ।

‘स्ट्रिंग रिवील्स’द्वारा हिन्दू एवं राष्ट्र हित का कार्य !

‘यूट्यूब’ पर १४ लाख से भी अधिक फोलोअर्स वाले ‘स्ट्रिंग रिवील्स’ने अब तक लगभग २५० अत्यंत अध्ययनपूर्ण वीडियो बनाए हैं । उनमें से कुछ वीडियो की दर्शकसंख्या करोडों में है । ‘स्ट्रिंग रिवील्स’ भारत, इसके साथ ही हिन्दू धर्म के विरोध में कार्य करनेवालों का भांडाफोड करने के लिए प्रसिद्ध है । चैनल के नाम के अनुरूप वे किसी भी घटना के पीछे रचे गए षड्यंत्र का ‘धागा खोलकर’ वीडियो के माध्यम से जग के सामने रखते थे ।  भारत में होनेवाली महत्त्वपूर्ण घटनाओं के पीछे भारतविरोधी शक्तियां किसप्रकार कार्यरत हैं, इस संदर्भ में संपूर्ण वस्तुनिष्ठ जानकारी इस यूट्यूब चैनल के माध्यम से दी जाती है । इसमें २ वर्षों पूर्व हुए देहली के तथाकथित किसान आंदोलन हो अथवा कर्नाटक का हिजाबविरोधी आंदोलन हो अथवा हाल ही में हुआ मणिपुर एवं नूंह (हरियाणा) में हिंसाचार, इन सभी घटनाओं के पीछे आंतरराष्ट्रीय राजनीति, धर्मनिरेपक्षतावादी शक्तियों का सहभाग, हिन्दुओं पर संकट आदि सभी बातें अत्यंत प्रखरता एवं स्पष्टरूप प्रस्तुत की गई हैं ।

इतना ही नहीं, अपितु ईश्वरीय अधिष्ठान लेकर कार्य करने के सूत्र पर भी इस चैनल के माध्यम से समय-समय पर दिशादर्शन किया जाता है ।

संपादकीय भूमिका 

  • अभिव्यक्तिस्वतंत्रता की ढींगे मारनेवाले सामाजिक माध्यम हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के खाते बंद कर उनकी आवाज दबाते हैं । इस दुहरी नीति के विरोध में अब हिन्दुओं को संगठितरूप से आवाज उठाकर उन पर बहिष्कार का अस्त्र हाथ में लेना आवश्यक है !
  • बहुसंख्यक हिन्दुओं के देश में उनकी ही आवाज दबाई जाती है, इससे और अधिक लज्जाजनक बात क्या होगी ? जानकारी एवं तंत्रज्ञान मंत्रालय को इस संदर्भ में यूट्यूब को प्रश्न पूछना अपेक्षित है । इतना ही नहीं, अपितु भारतीयों को लगता है कि परराष्ट्रमंत्री डॉ. एस्. जयशंकर को भी इस संदर्भ में अमेरिकी प्रतिष्ठान यूट्यूब के विरोध में अमेरिकी सरकार से चर्चा करनी चाहिए !