प्रयागराज कुंभपर्व २०२५
महाकुंभ की भूमि पर संत-महंत ने लिया ऐतिहासिक निर्णय !
श्री. सचिन कौलकर एवं श्री. किशोरकुमार जगताप, विशेष प्रतिनिधि

प्रयागराज – श्रीकृष्णजन्मभूमि की मुक्ति के लिए और श्रीकृष्ण के भव्य मंदिर के लिए गांव-गांव में और घर-घर में ‘महासंवाद’ आरंभ करने का ऐतिहासिक निर्णय प्रयागराज महाकुंभक्षेत्र में संपन्न ‘महासंवाद’ समाराेह में लिया गया । श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्ति न्यास के नेतृत्व में महासंवाद समाराेह संपन्न हुआ । मंदिर मुक्ति आंदोलन को अधिक गति देने के लिए ११ सदस्यीय विशेष समिति स्थापित करने पर सभी संत-महंत एकमत हुए हैं । उपस्थित संत-महंतों ने हिन्दुओं के इस आंदोलन में सम्मिलित होने का आवाहन किया, इसके साथ ही मथुरा में मस्जिद शीघ्र ही हटाकर वहां एक भव्य मंदिर बनाया जाएगा, ऐसा विश्वास हिन्दुओं को दिया गया । इसके लिए हिन्दू समाज द्वारा श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्ति न्यास के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खडे रहने का आवाहन किया गया ।
प्रयागराज महाकुंभक्षेत्र में १ फरवरी को दोपहर १ बजे सेक्टर क्रमांक १६ में श्रीमद् जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी राजेश्वरमाऊली सरकार का श्री रुक्मिणी विदर्भ पीठ की ओर से इस महासंवाद समारोह का आयोजन किया गया था ।
महाकुंभ क्षेत्र में श्री कृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति के लिए संतों का संगठित होकर संघर्ष करने के लिए संकल्प !
पढ़े विस्तृत – https://t.co/egEn5POJEH
Mahakumbh 2025 | Shri Krishna Janmabhoomi | Free Hindu Temples#SanatanPrabhatAtKumbh
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 2, 2025
उपस्थित संत-महंत…
इस कार्यक्रम के लिए श्रीमद् जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी राजेश्वरमाऊली सरकारजी, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी, समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्यों के समन्वयक श्री. सुनील घनवट, सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस, श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष श्री. महेंद्र प्रताप सिंह,श्री रुक्मिणी विदर्भ पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी राजेश्वरमाऊली सरकारजी अध्यक्ष श्री. सुरेश पाटील, अधिवक्ता अर्जुन सिंह, श्री. नरेंद्र मौर्य, क्रांतिकारी संत सत्यमित्रानंदजी आदि उपस्थित थे । इस समारोह में ‘जय श्रीराम, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति की विजय हो, भारत माता की जय, जय श्रीराम, हर हर महादेव’ ऐसे नारों से संपूर्ण परिसर गूंजने लगा ।
श्री रुक्मिणी विदर्भ पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी श्री राजेश्वरमाऊली सरकार की अध्यक्षता में आयोजित महासंवाद कार्यक्रम में संयोजक तथा न्यास के अध्यक्ष अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर तोडकर भगवान के मूल गर्भगृह पर बनाई गई मस्जिद के इतिहास पर प्रकाश डाला और निधर्मी लोगों ने हिन्दुओं पर किए गए अत्याचारों की जानकारी शंकराचार्य, महामंडलेश्वर, पीठाधीश्वर एवं साधु-संतों को दी । इसके साथ ही न्यायालय में अभियोग, सुदृढ कानूनी कार्यवाई की प्रगति की जानकारी सभी को दी, इसके साथ ही इस अभियोग का मैं पक्षकार हूं, इसलिए मैं ही यह अभियोग जीतूंगा, ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया । संपूर्ण देशभर में घर-घर में महासंवाद चलाकर मंदिर बनाने के लिए जागरूकता निर्माण की जानेवाली है ।

संत-महंतों ने व्यक्त किए विचार…
१. श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्त होकर भव्य मंदिर निर्माण होने तक लडाई चलती रहेगी ! – श्रीमद् जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी राजेश्वरमाऊली सरकारजी
हिन्दू खरे अर्थ में संकट में हैं; कारण उनके ही देश में उनकी संस्कृति को नष्ट करने के प्रयत्न हो रहे हैं । हमारी संस्कृति, हमारे संस्कार और संस्कृति को नष्ट करने का षड्यंत्र रचा गया है; इसलिए हिन्दुत्व संकट में हैं । श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्त होने और भव्य मंदिर निर्माण होने तक यह लडाई चलती रहेगी !
मुसलमानों का ‘वक्फ बोर्ड’ हो सकता है, तो फिर ‘सनातन बोर्ड’ क्यों नहीं ?
श्रीमद् जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी राजेश्वरमाऊली सरकारजी बाेले, ‘‘यदि मुसलमानों का ‘वक्फ बोर्ड’ हो सकता है, तो फिर ‘सनातन बोर्ड’ क्यों नहीं हो सकता ? श्रीराममंदिर होने के लिए ‘जय श्रीराम’की घोषणा दी गई थी । अब हमें ‘जय जय श्रीकृष्ण’ कहते हुए श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्ति के लिए लढाई करनी होगी । कांग्रेस के काल में मस्जिद एवं चर्च की निर्मिति हुई । हिन्दू मंदिरों की दुर्दशा हुई । हमने केवल ३ मंदिर मांगे थे; परंतु अब हम अपना प्रत्येक मंदिर पुन: लेंगे । संपूर्ण विदर्भ की जनता मंदिर निर्माण के लिए श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के साथ है । वहां का प्रत्येक व्यक्ति लडने के लिए तैयार है । मंदिर निर्माण करने के लिए जनचेतना और महासंवाद अभियान घर-घर में चलाने का संकल्प किया है ।’’
२. श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्ति की लडाई भक्त और उनकी भक्ति की परीक्षा लेनेवाली लडाई है ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे
‘श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्ति का संघर्ष, हमारे भगवान को मुक्त करने का संघर्ष है । भगवान श्रीकृष्ण पूर्ण पुरुषोत्तम हैं । वे सभी प्रकार के संघर्ष पर शीघ्र से शीघ्र मात कर धर्मसंस्थापना करनेवाले हैं । ‘सुदामा के भक्त बनकर आने पर श्रीकृष्ण भगवान उन्हें ३ मुठ्ठी चावल के बदले में त्रिलोक दे देते हैं; परंतु कंस, शिशुपाल एवं जरासंध के उन्मत्त होकर उनके सामने आए तो उनकी क्या दुर्गति हुई’, यह हम जानते ही हैं । यह लडाई भक्तों की और उनकी भक्ति की परीक्षा है । उसके लिए आप तैयार हैं न ? संगठित होंगे न ?’
ऐसा पूछने पर संत एवं श्रद्धालुओं ने हाथ ऊपर कर कहा वे तैयार हैं ।
३. भविष्य में सभी मंदिरों की मुक्ति के लिए हिन्दुओं को एकत्र आकर योगदान देना होगा ! – सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति
मंदिर ही हमारी धर्म और संस्कृति की आधारशिला है । विदेशी आक्रमक जब आए, तब उन्होंने सर्वप्रथम मंदिरों पर आक्रमण किया । मूर्ति का अनादर किया । अंग्रेज जब आए, तब उन्होंने भी हमारे मंदिरों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर हिन्दुओं का धर्मांतर किया । अब धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में हमारे मंदिर धन कमाने का साधन बन गए हैं । अनादि काल से जब-जब धर्म पर संकट आया, तब-तब गुरु-शिष्य परंपरा और संतों ने सामने आकर धर्म की रक्षा और कार्य किया है । संतों की संकल्पना से शीघ्र ही हमें हमारा श्रीकृष्ण मंदिर मिलेगा । यह गोवर्धन पहले ही उठा लिया गया है; परंतु अपनी-अपनी लाठी टेकने का दायित्व हमारा है । इसी प्रकार भविष्य में सभी मंदिरों की मुक्ति के लिए हमें एकत्र आकर अपना-अपना योगदान देना होगा । उसका संकल्प करेंगे ।
४. श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्त होनी चाहिए, इसके साथ ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना भी होना आवश्यक ! – सुनील घनवट, महासंगठक, हिन्दू जनजागृति समिति
अयोध्या में श्रीराममंदिर का निर्माण तो हो गया, परंतु अब भी काशी, मथुरा सहित देश के ४ लाख मंदिरों को मुक्त करवाने की चुनौती हिन्दुओं के सामने है । देश में मस्जिद, चर्च सरकार के नियंत्रण में नहीं; मात्र हिन्दुओं के मंदिर सरकार के नियंत्रण में हैं । ये मंदिर पुन: भक्तों के नियंत्रण में आने चाहिए । अब संतों की उपस्थिति में हमें श्रीकृष्ण मंदिर मुक्ति का अभियान हाथ में लेना पड रहा है । यह दुर्भाग्य है । सभी को मेरा संदेश है – श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्त होनी चाहिए, इसके साथ ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना भी होनी आवश्यक है ।
४. धर्मसंस्थापना का काल जैसे-जैसे निकट आएगा, वैसे श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्त होगी ! – श्री. चेतन राजहंस
गोवा में छत्रपति शिवाजी महाराज ने काशी, मथुरा में मंदिर निर्माण करने का संकल्प किया था । धर्मसंस्थापना का काल शुरू हो गया है । जैसे-जैसे धर्म संस्थापना का कार्य निकट आएगा, वैसे श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्त होगी !

महासंवाद के अन्य संतों का मार्गदर्शन…
१. शंकराचार्य नरेंद्रानंद सुमेरुजी पीठाधीश्वर श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त करने के लिए इस न्यास के समर्थन में दृढता से खडे रहने का आवाहन करते हुए बोले, ‘‘हिन्दू समाज अब जागृत हो गया है । इस जन्मभूमि पर किया नियंत्रण मुक्त किए बिना पीछे नहीं हटेंगे । इसका प्रारंभ हो चुका है ।’’ जगद्गुरु शंकराचार्य श्री रामानंदआचार्यजी बोले, ‘‘न्यायालयीन प्रक्रिया भिन्न और हिन्दू समाज की आवाज भिन्न है । जिस प्रकार अयोध्या में श्रीराम का मंदिर बनाया गया, उसी प्रकार मथुरा में मूल गर्भ गृह पर भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर बनाना चाहिए, ऐसी हिन्दू समाज की इच्छा है ।’’ जगद्गुरु वल्लभाचार्य बोले, ‘‘अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में यह न्यायालयीन लडाई जीतकर मंदिर की निर्मिति की जाएगी ।’’
२. स्पेन से आए संत उमेश योगीजी बोले, ‘‘यह महासंवाद समारोह कुंभ तक ही मर्यादित नहीं रहेगा, अपितु जिस दिन प्रत्येक घर में श्रीकृष्ण मंदिर का महासंवाद शुरू होगा, तब से मंदिर की निर्मिति निश्चित है । देशभर की गली-गली में इसे पहुंचाया जाएगा ।’’
३. संत विजय विठ्ठल द्वाराचार्यजी, बलरामदास डॉ. आदित्यानंद महाराजजी, श्री अभयनाथ महाराजजी, श्री बालकनाथचार्यजी बोले, ‘‘श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्ति के विषय में यदि कोई कहे कि हिन्दू समाज सोया है, तो वह गलत है । महाकुंभ के स्थान पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के आवाहन पर देश से आए श्रद्धालु यह मंदिर बनाने के लिए आतुर हो गए हैं । यही इसका प्रमाण है ।’’
४. क्रांतिकारी संत सत्यमित्रा नंद महाराज बोले, ‘‘श्री. महेंद्र प्रताप सिंह की उपस्थिति में श्रीकृष्ण का मंदिर निर्माण करने के लिए यह लढाई हिन्दू समाज जीतेगा और भव्य मंदिर भी बनेगा ।’’

महासंवाद का संकल्प !
महाकुंभ में इस महासंवाद समारोह में संपूर्ण विदर्भ एवं ब्रज प्रदेश के लोगों ने मंदिर बनाने के लिए अपना संपूर्ण समर्थन घोषित किया । श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के नेतृत्व में यह आंदोलन भारी मात्रा में जनजागृति के साथ आगे ले जाने का संकल्प किया गया ।
सभी श्रद्धालुओं से जाति-पाति भुलाकर लडाई सफल बनाने का आवाहन !इस महासंवाद समाराेह में श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्ति एवं मंदिर निर्माण महासंवाद कार्यक्रम में अनेक संत-महंत, महामंडलेश्वर ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति के लिए संगठित होकर संघर्ष करने का संकल्प व्यक्त किया । श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति के लिए न्यायालयीन लडाई को सभी संत-महंत, महामंडलेश्वर का समर्थन होने की घोषणा हुई, इसके साथ ही इस लडाई का विरोध करनेवाले निधर्मीवादियों को उनकी ही भाषा में ‘जैसे को तैसा’ उत्तर देने का संकल्प भी इस कार्यक्रम में किया गया । सभी श्रद्धालुओं को अपनी जाति-पाति भुलाकर इस लडाई में सम्मिलित होकर इसे सफल बनाने का आवाहन सर्व संत-महंत महामंडलेश्वर ने किया । |