मथुरा में संतों की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस से की मांग !
मथुरा (उत्तर प्रदेश) – २ मार्च को धर्म रक्षा संघ और श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास संगठन ने वृंदावन में एक बैठक आयोजित की, जिसमें महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में क्रूर मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र को बुलडोजर से हटाने की मांग की गई । इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से अपील की गई कि “हिन्दुओं पर अत्याचार करने वाले ऐसे क्रूर शासकों का एक भी चिन्ह भारत में नहीं दिखना चाहिए ।” छत्रपति संभाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी; लेकिन उन्होंने औरंगजेब के सामने सनातन धर्म का परित्याग नहीं किया ।
१. बैठक में संत अतुल कृष्ण दास ने कहा कि हम महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध कर रहे हैं । औरंगजेब की कब्र खोदकर गंदे नाले में फेंक देनी चाहिए । भारत की धरती पर औरंगजेब की पहचान बतानेवाला एक भी चिन्ह नहीं होना चाहिए नहीं होना चाहिए । यदि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ऐसा करेंगे तो हिन्दू सनातन धर्म को बहुत गर्व होगा ।
२. संत सौरभ देव ने कहा कि औरंगजेब हमारे भारतीय इतिहास का सबसे क्रूर और अत्याचारी शासक था । औरंगजेब का मकबरा महाराष्ट्र में है । यह भारत के लिए अपमान की बात है । हम सभी साधु-संत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करते हैं कि वे औरंगजेब समेत सभी अत्याचारी शासकों का महिमामंडन करना बंद करें । उनके स्मारकों और कब्रों को बुलडोजर से गिरा दिया जाना चाहिए ।
३. आचार्य बद्रीश प्रसाद ने कहा कि हमारे सभी संतों के हृदय में एक पीड़ा है । सनातन धर्म पर अत्याचार करने वाले ऐसे कलंकित लोगों का नामोनिशान मिटा दिया जाना चाहिए । शहर में सड़कों के नाम ऐसे लोगों के नाम पर रखे गए हैं । ऐसा करने वालों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए । देश भर में जहां भी ऐसे कलंकित लोगों के चिन्ह दिखें, उन्हें बुलडोजर से गिरा देना चाहिए ।
संपादकीय भूमिकाऐसी मांग हर जगह से उठ रही है, यह इस बात का संकेत है कि फिल्म ‘छावा’ देखने के बाद हिन्दू जाग गए हैं ! एक फिल्म का कितना प्रभाव हो रहा है, इसे देखते हुए अब हिन्दुओं का इतिहास बताने वाली फिल्म का निर्माण आवश्यक हो गया है ! |