विज्ञान एवं अध्यात्म के अनुसार सगुण-निर्गुण !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की कृपा से मुझे अंतर से विज्ञान एवं अध्यात्म, साथ ही उनके संदर्भ में सगुण एवं निर्गुण के विषय में कुछ सूत्र सूझे । वे इन दोनों संकल्पनाओं को सुस्पष्ट करते हैं, इसकी मुझे अनुभूति हुई ।

शब्द रहित एवं शब्द सहित संवाद से ‘श्री गुरु का मनोगत’ जान लेनेवालीं तथा ‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी को अपेक्षित कृति करनेवालीं श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी !

‘सप्तर्षियों ने जीवनाडीपट्टिका में बताया, ‘जब श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी परात्पर गुरु डॉक्टरजी से साधकों की साधना के विषय में बात करती हैं, उस समय गुरुदेवजी कभी-कभी हाथ हिलाकर अथवा मुख पर निहित भाव से उन्हें उत्तर देते हैं ।’

‘श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी ईश्वर स्वरूप तथा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी परमेश्वर स्वरूप हैं’, इसकी साधिका को हुई प्रतीति !

मुझे सदैव ही अपना नाम ‘परमेश्वर की आरती’, ऐसा लिखने की आदत है । मुझे मन से भी ‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी परमेश्वर हैं तथा मैं उस परमेश्वर की हूं’, ऐसा ही लगता रहता है

श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी की आध्यात्मिक विशेषताओं का ज्योतिषशास्त्रीय विश्लेषण !

‘श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी हैं । उन्होंने गुरुकृपायोग अनुसार साधना कर अल्प काल में शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति साध्य की । उनकी जन्मकुंडली में विद्यमान आध्यात्मिक विशेषताओं का ज्योतिषशास्त्रीय विश्लेषण आगे दिया गया है ।

गुरुरूप में साक्षात श्रीविष्णु प्राप्त होने के कारण समर्पित होकर साधना के प्रयास करें !

साधना के विषय में श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी की अनमोल वैचारिक संपदा !

‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी ही सबकुछ करवा लेते हैं’, इस अटूट श्रद्धा से युक्त श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी !

‘श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी को गुरुकार्य तथा ‘साधकों की आध्यात्मिक उन्नति हो’, इसकी अखंड उत्कंठा रहती है । उनका साधकों को लगन से मार्गदर्शन कर तैयार करना तथा साधकों को साधना में स्थिर करना निरंतर चलता रहता है ।

पू. (श्रीमती) गीतादेवी खेमकाजी की सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के प्रति दृढ श्रद्धा एवं उनका भक्तिभाव

जयपुर की ८३ वीं संत पू. (श्रीमती) गीतादेवी खेमकाजी का ८१ वां जन्मदिन ५ सितंबर को था । इस निमित्त उनकी भक्ति से संबंधित कुछ प्रसंग यहां प्रस्तुत हैं !

भारत के चंद्र अभियान की सफलता के विषय में अनुभव हुईं सूक्ष्म गतिविधियां !

‘विक्रम लैंडर’ चंद्रमा पर सफलता से उतरने के विषय में अनुभव हुए सूक्ष्म आयाम संबंधी तथ्य

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी के अनमोल वचन तथा मार्गदर्शन

सुख पाने की अपेक्षा के कारण अन्यों से इच्छा अथवा अपेक्षा करना, यदि हमारे जीवन में दुख तथा अज्ञान निर्माण करता है, तो वह ‘आसक्ति’ है ।