‘मीनार (टॉवर) मुद्रा’ द्वारा शरीर पर आया आवरण निकालने की पद्धति
सहस्रारचक्र पर पकडी हुई ‘मीनार’ मुद्रा (‘टॉवर’ की मुद्रा), साथ ही ‘पर्वतमुद्रा’ के कारण अनिष्ट शक्तियों का कष्ट शीघ्र दूर होने में सहायता मिलना
सहस्रारचक्र पर पकडी हुई ‘मीनार’ मुद्रा (‘टॉवर’ की मुद्रा), साथ ही ‘पर्वतमुद्रा’ के कारण अनिष्ट शक्तियों का कष्ट शीघ्र दूर होने में सहायता मिलना
अष्टांग साधना में स्वभावदोष-निर्मूलन (एवं गुणसंवर्धन), अहं-निर्मूलन, नामजप, भावजागृति, सत्संग, सत्सेवा, त्याग एवं प्रीति यह ८ चरण हैं | यह साधना का क्रम सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी ने विशद किया है, वह विशेषतापूर्ण है
जैसे-जैसे जीव की साधना बढती है, वैसे-वैसे देह में विद्यमान पंचमहाभूतों में जागृति आती है । उपासनामार्ग के अनुसार अथवा साधना के स्तर के अनुसार संबंधित तत्त्व का स्तर बढता है । उस समय देह पर उसके दृश्य परिणाम दिखाई देते हैं ।
आगामी आपत्काल में आधुनिक वैद्य अथवा उनकी दवाएं उपलब्ध नहीं होंगी । उस समय यह ज्ञात करना कठिन होगा कि किस विकार के लिए क्या उपाय कर सकते हैं । अतः साधक यह लेख संग्रह करके रखें तथा उसी के अनुसार नामजप करें । इससे विकार अल्प होने में लाभ होगा ।
आगे आनेवाले आपातकाल में आधुनिक वैद्यों और उनकी औषधियां उपलब्ध नहीं होंगी, उस समय ‘किस बीमारी के लिए कौन सा उपाय करना है’, यह समझ में आना कठिन होगा । अतः यह समझ में आए; इसके लिए साधक यह लेख संग्रहित रखें और उसमें दिए अनुसार नामजप करें ।
हे गुरुदेव, आपके रूप में हमें आपके अवतारी तत्त्वजागृति की यह अलौकिक घयना देखने का सौभाग्य मिल रहा है । आपका यह अवतारी तत्त्व हमें अधिकाधिक ग्रहण करना संभव हो’, यह आपके सुकोमल चरणों में प्रार्थना है !
एक बार पू. वामन (सनातन के दूसरे बालसंत पू. वामन अनिरुद्ध राजंदेकर) ने सद्गुरु डॉ. मुकुल गाडगीळजी से कहा, ‘‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी नारायण हैं । नारायण एक ‘तत्त्व’ है । वे तेजतत्त्व हैं । मैं उनके साथ बात नहीं कर सकता ।’’
संकट का सामना करने के लिए हमारा शरीर सक्षम होना चाहिए । वैसा होने के लिए प्रतिदिन नियमित कम से कम ३० मिनट व्यायाम करें । सूर्यनमस्कार करें, यह संपूर्ण शरीर को सक्षम बनाने के लिए सुंदर व्यायाम है । नियमित कम से कम १२ सूर्यनमस्कार करें ।
‘रूस-युक्रेन युद्ध आरंभ हो गया है । युक्रेन की जनता ‘युद्ध की आंच में झुलसना क्या होता है ?’, इसे कैसे अनुभव कर रही है, यह प्रतिदिन आनेवाले समाचारों से हमें ज्ञात हो ही रहा है । आगे इस युद्ध में यदि अन्य देश भी सम्मिलित हो गए, तो तीसरा महायुद्ध आरंभ होने में अधिक … Read more
सनातन की श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने आनंदित, हंसमुख और अपने भोले भाव से श्री विठ्ठलभक्ति में रमनेवाले ईश्वरपुर (इस्लामपुर, सांगली) के श्री. राजाराम भाऊ नरुटे (आयु ८९ वर्ष) के संत पद पर विराजमान होने की घोषणा की ।