महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में हिन्दू जनजागृति समिति और सनातन संस्था द्वारा अध्यात्मप्रसार

     महाशिवरात्रि के दैवी अवसर पर भगवान शिव के संदर्भ में अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी सभी जिज्ञासुओं को हो, इसलिए सनातन संस्था द्वारा विविध उपक्रमों का आयोजन किया गया ।      प्रवचनों के माध्यम से महाशिवरात्रि का व्रत कैसे करें ?, महाशिवरात्रि के दिन शिवजी का नामजप अधिकाधिक क्यों करें ?, शिवतत्त्व आकर्षित करनेवाली रंगोलियां बनाना, शिवजी … Read more

वाराणसी सेवाकेंद्र के प्रांगण में उगा हुआ विशेषतापूर्ण अमरूद का पेड !

वाराणसी सेवाकेंद्र के प्रांगण में अमरूद का एक पेड है । इस अमरूद के पेड की विशेषता यह है कि उसके कई स्थानों में एक ही स्थान पर ४ से ५ अमरूद आते हैं और एक ही शाखा की एक ही पंक्ति में कई अमरूद आते हैं । इस पेड का तना मध्यम आकार का है । इस पेड की ओर देखने पर आनंद और उत्साह प्रतीत होता है ।

त्याग एवं निरपेक्षता जैसे विशिष्ट गुणों के कारण सनातन के ११७ वें संतपद पर विराजमान फोंडा (गोवा) की पू. (श्रीमती) सुधा सिंगबाळजी (आयु ८२ वर्ष) !

मूलत: सावईवेरे, गोवा की श्रीमती सुधा उमाकांत सिंगबाळजी सनातन के संत पू. नीलेश सिंगबाळजी की माताश्री और श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी की सास हैं । श्रीमती सुधा सिंगबाळजी पहले से ही धार्मिक एवं आतिथ्यशील वृत्ति की हैं ।

समष्टि साधना करने से जीव जन्म-मृत्यु के चक्र से शीघ्र मुक्त हो जाता है ! – पूजनीय नीलेश सिंगबाळ, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

हम विज्ञान में इतनी प्रगति कर चुके हैं; परंतु छोटा सा कठिन प्रसंग हमारे जीवन में आने से हम निराश होकर हार मान लेते हैं । लाक्षागृह, चीरहरण, १४ वर्ष का वनवास, अज्ञातवास, इन सभी प्रसंगों से ध्यान में आता है कि जीवन में साधना और ईश्वर के प्रति अखंड विश्वास के बल पर हमारा रक्षण कैसे हो सकता है ।

सनातन संस्था द्वारा पूरे भारत में ‘ज्ञानशक्ति प्रसार अभियान’

ग्रंथों में सरल भाषा और संस्कृत श्लोकों का यथोचित उपयोग है तथा ये ग्रंथ दिव्य ज्ञानामृत ही हैं । ये ग्रंथ अपने मित्र, परिजन, कर्मचारियों को उपहार स्वरूप देने के लिए भी उपयुक्त हैं ।

समाज के प्रत्येक घटक के लिए आवश्यक सनातन की व्यापक ग्रंथसंपदा का लाभ उठाएं ! – पू. नीलेश सिंगबाळ, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

सनातन संस्था ने अध्यात्म, धर्माचरण, दैनिक आचरण से संबंधित गतिविधियां, भारतीय संस्कृति आदि अनेक विषयों पर अमूल्य एवं व्यापक ग्रंथ प्रकाशित किए हैं । सनातन के ग्रंथों का दिव्य ज्ञान समाज में प्रसारित करने के लिए संपूर्ण भारत में संस्था द्वारा ‘ज्ञानशक्ति प्रसार अभियान’ चलाया जा रहा है ।

हिन्दू धर्म के दुष्प्रचार का विरोध करना हम हिन्दुओं का कर्तव्य है । – पू. नीलेश सिंगबाळ, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

असम राज्य सरकार द्वारा मंदिरों और पुजारियों के लिए अनुदान देने के निर्णय की प्रशंसा कर आजमगढ से जुडे श्री. अनिल गिरी ने बताया कि ‘यह निर्णय पूरे देश मे लागू होना चाहिए, इस मांग को लेकर सभी को कृतिशील होना चाहिए, मैं समिति के साथ हूं ।’

सनातन के संत पू. (श्रीमती) सुशीला मोदीजी एवं पू. नीलेश सिंगबाळजी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में उनके चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम !

भाद्रपद पूर्णिमा (२० सितंबर) को वाराणसी के पू. नीलेश सिंगबाळजी का जन्मदिन है । इस निमित्त से ‘झारखंड राज्य के धनबाद और कतरास जिलों के साधकों को पू. नीलेश सिंगबाळजी से सिखने को मिले सूत्र इस लेख में प्रस्तुत हैं ।

गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में अधिकाधिक सेवा कर हम गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर सकते हैं ! – पू. नीलेश सिंगबाळजी, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

‘गुरुपूर्णिमा शिष्यों एवं साधकों के जीवन का सबसे बडा उत्सव है । इस उपलक्ष्य में हम तन, मन एवं धन का त्याग और गुरुसेवा कर गुरुदेवजी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर सकते हैं ।