सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘कठिन समय में कौन काम आता है ?’, इस प्रश्न का उत्तर है, ‘कठिन समय में ईश्वर ही काम आते हैं !’ संत एवं बुद्धिप्रमाणवादी में भेद !

ज्ञानवापी के शिवलिंग की ‘कार्बन डेटिंग’ करना न्यायालय ने किया अस्वीकार !

इस निर्णय के उपरांत हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने इस निर्णय को सर्वाेच्च न्यायालय में चुनौती देने की बात की । ११ अक्टूबर को दोनों पक्षों का वादविवाद समाप्त होने के उपरांत न्यायालय ने अपना निर्णय सुरक्षित रखते हुए १४ अक्टूबर को निर्णय देना सुनिश्चित किया था ।

राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र में ‘सर तन से जुदा’ के नारे !

भारत मुसलमानाें के लिए असुरक्षित है, ऐसी रट लगानेवाले निधर्मियों को यह घटना दिखाई नहीं देती क्या ? कट्टरपंथी बहुसंख्यकाें के कथित आक्रमणाें के कारण ‘घबराए भारतीय मुसलमान’ क्या कभी इस प्रकार दुस्साहस करेंगे ?

शराब के नशे में धुत सुदामा, श्रीकृष्ण को दारु देते हुए दिखाया !

देहली के मौलाना आजाद वैद्यकीय महाविद्यालय के कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा श्रीकृष्ण एवं सुदामा का अश्लील अपमान !

अभिनेता आमीर खान एवं अभिनेत्री कियारा अडवानी के द्वारा हिन्दू धर्मद्रोही विज्ञापन प्रसारित !

अभी तक हिन्दू धर्म एवं परंपराओं के विरुद्ध अभिनय करनेवाले हिन्दूद्वेषी आमीर खान तथा हिन्दू धर्मविरोधी नीति अपनानेवाली कियारा अडवानी की फिल्मों का सभी हिन्दू बहिष्कार करें !

वैचारिक आतंकवादी !

अभी तक आपने आतंकी संगठनों, विभाजनकारी, नक्सली आदि संगठनों को प्रतिबंधित करने के समाचार सुने होंगे; परंतु जब रूस ने सामाजिक माध्यम अमेरिकी प्रतिष्ठान ‘मेटा’ के आतंकी संगठन होने की बात कहकर उस पर प्रतिबंध लगाया, तब संपूर्ण जगत ही आश्चर्यचकित हुआ ।

स्त्री ने स्वयं में सकारात्मकता बढाई, तो उससे उसके घर के सदस्यों सहित समाज भी संस्कारशील बन सकता है ! – सुश्री (कु.) तेजल पात्रीकर, महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय

‘‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक शोध में महिलाओं एवं पुरुषों को ३०-३० मिनट ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ नामजप करने के लिए कहा गया । उस समय नामजप करने से पूर्व तथा करने के उपरांत ‘यू.ए.एस.’ (यूनिवर्सल ऑरा स्कैनर)’ के द्वारा उनका सकारात्मक प्रभामंडल नापा गया ।

हिन्दू जनजागृति समिति की यशोगाथा

हिन्दुओं का जाति-दल-संप्रदाय रहित एक विशाल संगठन खडा रहे; इसके लिए समिति ने ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर महानगरों तक १ सहस्र ३०० से अधिक ‘हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभाएं’ लीं ।

उत्तर प्रदेश एवं असम में ‘मदरसा बंदी’ : मुसलमानों को धार्मिक कट्टरता से बाहर निकालने का उपाय !

वास्तव में देखा जाए, तो इसमें अनुचित कुछ भी नहीं है; क्योंकि केवल धार्मिक शिक्षा देना आज के समय में तो कालबाह्य हो चुका है । उसमें भी मदरसों में दी जानेवाली शिक्षा केवल कुरआन के तत्त्वों तथा पैगंबर द्वारा उनके जीवनकाल में विभिन्न विषयों पर किए गए भाष्य तक ही सीमित होती है ।