सनातन के प्रथम अंग्रेजी ‘ई-बुक’ का वाराणसी में लोकार्पण !

बाईं ओर से पू. नीलेश सिंगबाळजी, अंग्रेजी ‘ई-बुक’ का लोकार्पण करते श्री. जगजीतन पांडे, स्वामी ब्रह्ममयानंद एवं श्री. देव भट्टाचार्य

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – चैत्र नवरात्रि के पवित्र पर्वकाल में वाराणसी के ‘अखिल भारतीय धर्मसंघ शिक्षा मंडल’ के महामंत्री श्री. जगजीतन पांडे के शुभहस्तों से ‘इम्पॉर्टन्स ऑफ पर्सनैलिटी डिफेक्ट रिमूवल एंड इन्कलकेटिंग वर्च्यूज्’ (स्वभावदोष-निर्मूलन एवं गुणसंवर्धन का महत्त्व) इस सनातन के अंग्रेजी भाषा के ‘ई-बुक’ का लोकार्पण किया गया । हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा यहां आयोजित प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में लोकार्पण का यह कार्यक्रम संपन्न हुआ । इस अवसर पर व्यासपीठ पर हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक संत पू. नीलेश सिंगबाळजी, भारत सेवाश्रम संघ के स्वामी ब्रह्ममयानंद और ‘रामनगर औद्योगिक एसोसिएशन’ के अध्यक्ष श्री. देव भट्टाचार्य उपस्थित थे ।

मन का कार्य एवं आनंदित जीवन जीने हेतु स्वभावदोष एवं अहं निर्मूलन की प्रक्रिया के महत्त्व के संदर्भ में अमूल्य जानकारी देनेवाला यह अंग्रेजी भाषा का ‘ई-बुक’ एमेजॉन किंडल पर उपलब्ध है ।

‘ई-बुक’ क्या होता है ?

‘ई-बुक’ (ई-पुस्तक) का अर्थ है किसी पुस्तक का किया गया डिजिटल अथवा इलेक्ट्रॉनिक रूपांतरण ! इंटरनेट से जुडे संगणक अथवा ‘स्मार्टफोन’ की (चल-दूरभाष) की सहायता से इस पुस्तक को ‘डाउनलोड’ कर पढा जा सकता है । पाठक इस ‘ई-बुक’ को निम्नांकित लिंक से खरीद सकते हैं ।

https://www.amazon.in/dp/B09B2VGQYF

इस लिंक का QR code यहां दिया गया है, उसे स्कैन कर भी उक्त ‘ई-बुक’ को खरीदा जा सकता है ।