Indian Consulate Cancelled Toronto Camps : भारतीय दूतावास शिविरों को सुरक्षा प्रदान करना अस्वीकार किया !

अगले साल कनाडा में आम चुनाव है और इस चुनाव में भारत विरोधी ट्रूडो सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए भारतीय मूल के नागरिकों को एक आंदोलन चलाने की आवश्यकता है !

Conspiracy Of Separate Christian Country : भारत, बांग्लादेश तथा म्यांमार को विभाजित कर अलग ईसाई देश बनाने का षड्यंत्र !

इस घटना से यह संदेह होने की संभावना है कि मिजोरम के ईसाई मुख्यमंत्री के उन अंतरराष्ट्रीय शक्तियों से संबंध हैं जो विश्व महाशक्ति बनने का प्रयास कर रहे भारत में विभाजन के बीज बो रहे हैं । क्या केंद्र सरकार उनके विरुद्ध कार्रवाई करेगी ?

Canada PM’s Unabashed Acceptance : हमने सबूतों के अभाव में भारत पर आरोप लगाया !

ट्रूडो के आरोपों से भारत पर दबाव बनाने वाले अमेरिका को अब भारत से क्षमा मांगनी चाहिए ! भारत को भी यही मांग करनी चाहिए !

Documentary On Hindu-Hater BBC : वैश्विक स्तर पर हिन्दू द्वेष का चेहरा बन चुके ‘बीबीसी’ का सत्य उजागर करनेवाली ‘डॉक्यूमेंट्री’ प्रदर्शित होगी !

बीबीसी, अर्थात ‘ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन’, हिन्दू द्वेष से ग्रस्त एक समाचार चैनल है तथा भारत एवं हिन्दुओं के बारे में झूठी कहानियां फैलाने के लिए कुख्यात है ।

India Urges Protect Bangladeshi Hindus-N-Temples : बांग्लादेश में हिन्दुओं और उनके पूजा स्थलों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाना चाहिए !

विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश में हिन्दू पूजा स्थलों पर हमले निंदनीय हैं।

Islamic NATO : पाकिस्तान के साथ – साथ २० से अधिक इस्लामिक देश बनाएंगे स्वतंत्र सैन्य संगठन !

आज विश्व भर में आतंकवाद के लिए जिहादी आतंकवादियों को ही उत्तरदायी ठहराया जा रहा है।

‘सनातन हिन्दू संकल्प पत्र’ का प्रस्ताव प्रसिद्ध !

वर्ष २०२९ की राजनीति’ विषय पर बोलते हुए युवा पत्रकार अनुपम सिंह, तुहीन सिन्हा, ओंकार चौधरी, शांतनु गुप्ता और हर्षवर्द्धन त्रिपाठी ने कहा कि वर्ष २०२९ की राजनीति २०१४ से अच्छी होगी ।

विशेष संपादकीय : ‘रिक्लेमिंग भारत’ अत्यावश्यक !

 हिन्दू धर्मरक्षण के लिए हिन्दूवादी विचारकों के वैचारिक उद्बोधन को सर्वत्र हिन्दू कृति में लाएं, ऐसी अपेक्षा !

UK Racists Slogan Against Indians : (और इनकी सुनिए…) ‘भारत वापस जाओ, भारतीयों ने प्रत्येक देश का विनाश किया !’ – लंदन में वर्णद्वेषी नारे

यदि विरोध करनेवाले ब्रिटीश हैं, तो वे पहले से ही वर्णद्वेषी हैं एवं आज भी उनमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, यही पुनः ध्यान में आता है !