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जयपुर (राजस्थान) – कानून एवं व्यवस्था पर राज्य सरकारों के अलग-अलग विचार हो सकते हैं; किन्तु देश की आंतरिक सुरक्षा में केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना ही होगा । शत्रूबोध कर के देशद्रोही पहचानने होगे तथा घुसपैठियों को बाहर का रास्ता दिखाना होगा। ‘द जयपुर डायलॉग्स’ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम ‘रिक्लेमिंग इंडिया’ के अंतिम दिन देश-विदेश से आए विशेषज्ञों, लेखकों और बुद्धिजीवियों ने उपरोक्त उत्तरों के जरिए दर्शकों के प्रश्नों का उत्तर दिया ।
‘जयपुर डायलॉग्स’ के अध्यक्ष संजय दीक्षित ने ‘जयपुर सनातन’ का घोषणापत्र जारी किया । इस अवसर पर सभी हिन्दू श्रद्धालुओं ने सनातन धर्म को राष्ट्रवाद बताते हुए सनातन हिन्दुओं की भौगोलिक सीमाओं और संस्कृति की रक्षा के लिए भारत के दायित्व को पूरा करने का संकल्प व्यक्त किया। महाराष्ट्र के वरिष्ठ पत्रकार भाऊ तोरसेकर ने ‘जयपुर घोषणापत्र’ और संकल्प पत्र का समर्थन किया ।
चर्चा सत्र: आत्मनिर्भर भारत के समक्ष चुनौतियाँ !
भू-राजनीति (जिओ पॉलिटिक्स), भू-अर्थशास्त्र (जिओ इकॉनॉमिक्स ) और भू-रणनीति ( जिओ स्ट्रॅटेजी ) पर एक सेमिनार में विजय सरदाना ने कहा, हमारी सौदेबाजी की शक्ति बहुत अल्प है। इसके लिए हमें कठोर कानून की आवश्यकता है।’ ऐसा इसलिए क्योंकि भारत का व्यापार बहुत बड़ा है, ये १४५ करोड़ नागरिकों का देश है । आत्मनिर्भर बनने के लिए हमें अपनी आंतरिक व्यवस्था को सुधारना होगा और आत्ममंथन करना होगा।
प्रसिद्ध विचारक अंकित शाह ने कहा कि हमें अपने प्राचीन भारत को याद करना चाहिए। भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र को इतिहास से सीखना चाहिए। इसमें जीवन के उद्देश्य और प्रयत्नों का वर्णन है।
हिन्दुओं को अगली ९९ जीतों का जश्न वर्ष २०१४ की तरह मनाना है!
‘वर्ष २०२९ की राजनीति’ विषय पर बोलते हुए युवा पत्रकार अनुपम सिंह, तुहीन सिन्हा, ओंकार चौधरी, शांतनु गुप्ता और हर्षवर्द्धन त्रिपाठी ने कहा कि वर्ष २०२९ की राजनीति २०१४ से अच्छी होगी । कांग्रेस पिछड़ रही है । हिन्दुओं को अगली ९९ जीतों का उत्सव साल २०१४ की तरह मनाना है । भारत अघाड़ी एक भ्रष्ट विचारधारा और जाति के आधार पर बांटने का अंतहीन प्रयास है। साल २०३४ तक इस देश में कांग्रेस की एक भी सीट नहीं रहनी चाहिए । वर्ष १९८४ के बाद से लगातार कांग्रेस को नकारा गया और उसके बाद की सरकार कैसे चली ? , यह सबने देखा है । वर्तमान स्थिर सरकार को लेकर विपक्ष में अत्यंत चिंता है । इसलिए तरह-तरह का षडयंत्र रचकर देश को निर्बल करने का प्रयास किया जा रहा है।
पिछले ७६ वर्षों से कम्युनिस्टों ने देश को वाळवी की तरह नष्ट कर दिया है ! : ‘ हिंदुत्व बनाम इस्लाम’ विषय पर सेमिनार में राय
शाम के सत्र में ‘हिंदुत्व बनाम इस्लाम’ विषय पर नसीर अहमद शेख, आभास मालधयार, नीरज अत्री, नाजिया इलाही खान, कार्तिक गौड़ और ओमेंद्र रत्नू ने भी अपनी राय दी । ‘साम्यवाद और भारतीय मूल्य प्रणाली’ पर डॉ. सच्चिदानंद शेवड़े ने कहा कि कम्युनिस्ट बहुत बुद्धिमान हैं । वे कश्मीर में इस्लाम के बारे में बात नहीं करते हैं, लेकिन वे देश के अन्य राज्यों में हिन्दुओं के विरुद्ध बात करते हैं। वह हिन्दुओं और उनके देवताओं की आलोचना करते है। पिछले ७६ वर्षों से उन्होंने देश पर पानी डाला है; लेकिन अब समय बदल रहा है ।
संदीप बालाकृष्णन ने कहा कि कम्युनिस्टों ने समाज को दो भागों में बांट दिया है । फ़िल्में, नाटक, साहित्य, विज्ञान, शिक्षा, परिवार आदि सभी उनके विचारधारा के अनुसार निश्चित होते हैं; वे अपने दम पर चुनाव नहीं जीत सकते । उन्हें वामपंथियों की बजाय ‘कम्युनिस्ट’ कहा जाना चाहिए।’
अभिजीत चावड़ा ने कहा कि पाकिस्तान में ‘आई.एस.आई .’ जैसे कई संगठन काम कर रहे हैं । पाकिस्तान के तालिबान और अफगानिस्तान से मधुर संबंध नहीं हैं । इन देशों ने मादक पदार्थों की तस्करी के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्था को बनाए रखने का प्रयाय किया है। फिर भी, वे असफल रहे हैं।
अभिजीत अय्यर मित्रा ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा ईरान वित्तीय तस्करी और आतंकवाद में सम्मिलित हैं; लेकिन तीनों देशों में किसी का विकास नहीं हुआ ।
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