Islamic NATO : पाकिस्तान के साथ – साथ २० से अधिक इस्लामिक देश बनाएंगे स्वतंत्र सैन्य संगठन !

आतंकवाद के विरुद्ध कडी कार्रवाई करने का परामर्श 

नई देहली – पाकिस्तान के साथ – साथ एशिया और अफ्रीका के २० से अधिक मुसलमान देश ‘नाटो’ (३० से अधिक देशों का सैन्य गठबंधन) की तरह ही एक अलग ‘मुस्लिम नाटो’ (सैन्य गठबंधन) बनाएंगे। समूह में सऊदी अरब, पाकिस्तान, तुर्की, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन, बहरीन, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और मलेशिया मुख्य सदस्य के रूप में सम्मिलित होंगे। अजरबैजान, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और ब्रुनेई सहयोगी सदस्यों के रूप में भाग ले सकते हैं। प्रमुख भागीदार देश जो उनका समर्थन कर सकते हैं, वे हैं इंडोनेशिया, ईरान, इराक, ओमान, कतर, कुवैत, मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया और लीबिया। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद के विरुद्ध कार्रवाई करना और मुस्लिम एकता को बढावा देना होगा।

इससे पूर्व दिसंबर २०१५ में ‘इस्लामिक सैन्य आतंकवाद विरोधी गठबंधन’ (इस्लामिक मिलिट्री काउंटर टेररिज्म कोएलिशन) नाम का संगठन बनाया गया था। इसमें एशिया और अफ्रीका महाद्वीप के ४२ मुसलमान देश सम्मिलित थे। इस संगठन की स्थापना आतंकवाद से लडने के लिए की गई थी। यह संस्था आज भी कार्यरत है।

भारत और मुसलमान देशों के बीच बढेगा तनाव !

इस ‘मुस्लिम नाटो’ से भारत और मुस्लिम देशों के बीच तनाव बढने की आशंका है। यह समूह पाकिस्तान और बांग्लादेश की सहायता करके भारतीय उपमहाद्वीप में स्थानीय राजनीतिक, कूटनीतिक और रणनीतिक संतुलन को बिगाडने का प्रयत्न कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समूह कश्मीर के विषय में भी अपनी नाक घुसा सकता है।

संपादकीय भूमिका

आज विश्व भर में आतंकवाद के लिए जिहादी आतंकवादियों को ही उत्तरदायी ठहराया जा रहा है। इस्लामिक देशों के स्वतंत्र संगठन के सदस्य देशों के नाम पर दृष्टि डालें तो उनमें से आधे से अधिक प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आतंकवाद का समर्थन करते हैं। इसलिए इस संगठन को सबसे पहले अपने ही सदस्य देशों के विरुद्ध कार्रवाई करनी होगी, किन्तु वह ऐसा कभी नहीं करेंगे ; अत: इस सैन्य संगठन की स्थापना की घोषणा कोरा दिखावा ही सिद्ध होने वाली है !