मिजोरम के ईसाई मुख्यमंत्री ने अमेरिकी गुप्तचर एजेंसी ‘CIA’ के षड्यंत्र का किया पर्दाफाश !
वाशिंगटन (अमेरिका) – मिजोरम के मुख्यमंत्री पीयू लालदुहोमा द्वारा ४ सितंबर, २०२४ को अमेरिका के इंडियानापोलिस में दिए गए भाषण की चर्चा न केवल भारत में, बल्कि बांग्लादेश और म्यांमार में भी हो रही है । लालडुहोमा ने अपने भाषण में चिन-कुकी-जो की एकता और एक देश का आह्वान किया । चिन-कुकी-जो भारत, बांग्लादेश और म्यांमार में रहने वाली एक ईसाई जनजाति है । अमेरिका में दिए गए इस भाषण के बाद यह प्रश्न उठने लगा है कि क्या अमेरिकी गुप्तचर एजेंसी ‘सीआईए’ भारत, बांग्लादेश तथा म्यांमार के कुछ भागों को अलग करके एक अलग ईसाई देश बनाने की योजना पर काम कर रही है ।
१. मिजोरम के मुख्यमंत्री के भाषण ने दक्षिण एशिया को अस्थिर करने वाली अलगाववादी नीतियों के बारे में चिंता जताई है । संदेह उत्पन्न हो गया है कि लालदुहोमा के भाषण को विदेशी समर्थन प्राप्त है ।
२. लालदुहोमा ने अपने भाषण में कहा, हम (ईसाई) तीन देशों की तीन सरकारों के बीच में अन्यायपूर्ण ढंग से विभाजित हैं । हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते । लालदुहोमा ने राजनीतिक एकता का एक ठोस दृष्टिकोण प्रस्तावित किया, जिसने भारत की संप्रभुता के बारे में चिंताएँ बढ़ा दीं ।
३. चिन-कुकी-जो समुदाय भारत के मणिपुर और मिजोरम राज्यों के साथ-साथ बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ क्षेत्रों में फैला हुआ है।
४. अमेरिका पर अतीत में रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए अलगाववादी आंदोलनों का समर्थन करने का आरोप लगाया गया है । खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को सीआईए का सहायक माना जाता है ।
Mizoram CM Lalduhoma’s Kuki-Zo Unity Speech in the US Sparks a Row – |
संपादकीय भूमिका
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