नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती निमित्त हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा विशेष ‘ऑनलाइन’ संवाद का आयोजन

नेताजी सुभाषचंद्र बोस के आत्मसमर्पण के तत्त्वज्ञान एवं ईश्वर के अधिष्ठान के बल पर कार्य करने की प्रेरणा लेकर हमें हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य में योगदान बढाने की आवश्यकता है ।

भारत यदि ‘हिंदू राष्ट्र’ हुआ, तो अन्य १५ राष्ट्र, ‘हिंदू राष्ट्र’ होने हेतु सिद्ध ! – पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीजी ने पुनश्च एक बार हिंदू राष्ट्र का पुनरुच्चार किया। उन्होंने कहा कि, उनकी ५२ देशोंके वरिष्ठ प्रतिनिधीयों के साथ ‘ विडीओ कान्फरन्स के माध्यमसे चर्चा हुई।

श्री क्षेत्र द्वारापुर, धारवाड (कर्नाटक) के संत श्री परमात्माजी महाराज ने की वाराणसी के सनातन के सेवाकेंद्र से सद्भावना भेंट !

‘‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने २० वर्ष पूर्व हिन्दू राष्ट्र के विषय में बताय था, अब उसकी केवल समाज को नहीं, अपितु संतों को भी प्रतीति होने लगी है’’, ऐसा प्रतिपादन श्री क्षेत्र द्वारापुर, धारवाड (कर्नाटक) के ‘श्री परमात्मा महासंस्थानम्’ के संस्थापक श्री परमात्माजी महाराज ने किया ।

हिमंत बिस्व सरमा की हिम्मत !

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के अनुसार पुलिस को अधिकार मिले हैं कि वे संदिग्ध गोतस्करों में घर में प्रवेश कर खोज करने और गोतस्कर द्वारा पिछले ६ वर्षाें में अवैध पशु व्यापार से प्राप्त संपत्ति जप्त कर सकते हैं ।

हिन्दुओं को जागृत करने के लिए उन्हें गुरुपरंपरा के साथ जोडना आवश्यक ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे

जिसकी प्रज्ञा जागृत रहती है, वह है जागृत हिन्दू ! हिन्दुओं को जागृत करने के लिए पहले उन्हें गुरुपरंपरा के साथ जोडना चाहिए । हिन्दुओं को साधना कर स्वयं में विद्यमान दैवीय एवं आध्यात्मिक शक्ति को जागृत करने की आवश्यकता है ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना वर्ष २०२५ तक होगी ! – परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी

आपातकाल भले ही आगे गया हो, तब भी उसका आरंभ कभी भी हो सकता है। कोरोना जैसी महामारी के माध्यम से हमने इसका अनुभव लिया ही है। तीसरे विश्वयुद्ध का आरंभ कभी भी हो सकता है। इसलिए साधक आपातकाल की तैयारी जारी रखें !’ – परात्पर गुरु डॉ. आठवले

पहले के सात्त्विक राजा और आज के तामसिक शासनकर्ताओं का स्वयं को हुए दंड के संदर्भ में भिन्न दृष्टिकोण !

पहले के काल में राजा ने कोई भी पाप किया हो और वह किसी ने देखा न हो, तब भी वह राजा अपने राज्य का दायित्व छोडकर प्रायश्चित्त लेने के लिए जंगल में जाते थे; परंतु आज के शासनकर्त्ता स्वयं का अपराध प्रमाण सहित सिद्ध होने पर भी स्वयं का पाप नहीं स्वीकारते ।

पू. तनुजा ठाकुरजी के मौलिक विचार

आर्य चाणक्य ने कहा है, ‘राष्ट्रस्य मूलः इंद्रियनिग्रह: ।’ अर्थात जो अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखता है, वही राज्य करने का खरा अधिकारी होता है । इसके विपरीत, आज जो इंद्रियों की विषय-वासना में पूर्णत: फंसे हैं, वे ही शासन कर रहे हैं ।

भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए प्रत्येक हिन्दू को प्रतिदिन १ घंटे का समय एवं १ रुपया देना चाहिए ! – पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

“भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए प्रत्येक हिन्दू को प्रतिदिन एक घंटा समय एवं एक रुपया देना चाहिए । इसका उपयोग मठों तथा मंदिरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया जाएगा”, ऐसा आवाहन पुरी के पूर्वाम्नाय गोवर्धन पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने यहां एक कार्यक्रम में किया ।

आगामी साढे तीन वर्ष में भारत बनेगा ‘हिन्दू राष्ट्र’ !  – शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

भारत के विभाजन के पश्चात, भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं करना सरकार एवं राजनीतिक दलों की दिशाहीनता का निदेशक है । आप अभी, स्थापित होने वाले हिन्दू राष्ट्र की समीक्षा कर सकते हैं, उसकी ओर देख सकते हैं अथवा उसमें सहभाग ले सकते हैं ।