गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) – पुरी के गोवर्धन पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि, “आगामी साढे तीन वर्षों में, भारत में हिन्दू राष्ट्र स्थापित हो जाएगा ।” वे इस समय धार्मिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होने के लिए गोरखपुर आए हैं । वे संवाददाताओं से वार्तालाप कर रहे थे ।
तीन से चार वर्षों में भारत बन जाएगा हिन्दू राष्ट्र : शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीhttps://t.co/aEs6p285n5
— ETV Bharat Jharkhand (@ETVBharatJH) October 29, 2021
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने आगे कहा है कि,
१. भारत के विभाजन के पश्चात, भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं करना सरकार एवं राजनीतिक दलों की दिशाहीनता का निदेशक है । आप अभी, स्थापित होने वाले हिन्दू राष्ट्र की समीक्षा कर सकते हैं, उसकी ओर देख सकते हैं अथवा उसमें सहभाग ले सकते हैं ।
२. भारत में नेता धर्म एवं नैतिकता नहीं समझते हैं । देश में राजनीतिक नेताओं की न्यूनता नहीं है ; परंतु, वे राजनीति की व्याख्या से अनभिज्ञ हैं । ऐसे नेताओं से आप देश की प्रतिष्ठा, सुरक्षा, समृद्धि एवं अच्छे समाज के निर्माण के संबंध में क्या अपेक्षा कर सकते हैं ? उन्माद, ‘फूट डालो एवं राज करो’ की नीति अपनाना अथवा सत्ता प्राप्त करना राजनीति नहीं है । अपितु, व्यक्ति एवं समाज को आत्मनिर्भर एवं संस्कारी बनाने के लिए अपनाई गई नीति को राजनीति कहते हैं ।
३. महाभारत, मत्स्य पुराण, अग्नि पुराण आदि में कहा गया है, कि राजनीति का दूसरा नाम राजधर्म है । नैतिकता तथा धर्म उसके वैकल्पिक शब्द हैं ।
४. ‘हिन्दू शब्द के लिए कौन सा उचित वैकल्पिक शब्द है ?’, ऐसा प्रश्न पूछा गया था । इस पर शंकराचार्य ने कहा कि, “इसके लिए सनातनी, वैदिक, आर्य एवं हिन्दू इन चार शब्दों का प्रयोग किया जा सकता है । हिन्द महासागर, हिन्दू कुश, हिन्दी, हिन्दू ये सर्व ही प्राचीन शब्द हैं । हिन्दू शब्द का प्रयोग पुराणों एवं ऋग्वेद में किया गया है ।”