सनातन की ग्रंथमाला : भावजागृति हेतु साधना

भाव का अर्थ एवं विशेषताएं कौनसी हैं ?, शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति के लिए लगन तथा भाव में क्यों आवश्यक है ? इस विषय मे और जानने के लिए अवश्य पढिए ग्रंथ ‘भाव के प्रकार एवं जागृति’

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के द्वारा महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के अंतर्गत आरंभ किए गए ‘संगीत के माध्यम से साधना’, इस संकल्प का उत्तरोत्तर बढता हुआ कार्य !

वर्ष २०१७ में सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के जन्मोत्सव के समय उन्होंने बताया था, ‘आज महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के अंतर्गत संगीत के माध्यम से साधना करने हेतु ‘संगीत से संबंधित कार्य आरंभ किया गया है ।’ उनके इस संकल्प के कारण ही यह कार्य अल्पावधि में बढता गया तथा प्रतिदिन बढता ही जा रहा है ।

गुरुपद पर विराजमान होते हुए भी स्वयं का निरालापन न जताते हुए साधकों में घुल-मिल जानेवाले डॉ. आठवलेजी !

निरपेक्ष प्रीति के उच्च बिंदु हैं सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी ! उनमें भगवान के सभी गुणों की प्रतीति होती है । अपना कोई भी भिन्न दल न रखकर सहजता के साथ साधकों के स्तर पर आकर उनके साथ रहने के संदर्भ में साधकों द्वारा अनुभव किए हुए कुछ क्षण यहां दे रहे हैं !

समष्टि को अध्यात्म का ज्ञान मिले, इसकी लगन रखनेवाले सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी !

‘प्राणशक्ति बहुत अल्प होते हुए भी प.पू. डॉक्टरजी उनके आसपास होनेवाली प्रत्येक घटना का निरीक्षण करते हैं तथा उनकी नियमित प्रविष्टियां भी रखते हैं ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी द्वारा किया गया हिन्दुत्वनिष्ठों का मार्गदर्शन

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की प्रेरणा से ही वर्ष २००२ में ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ की स्थापना हुई । यहां हम उनके द्वारा हिन्दुत्वनिष्ठों का किया गया मार्गदर्शन दे रहे हैं ।

Dabholkar Murder Case Verdict : डॉ. दाभोलकर हत्या के मामले में ३ जन निर्दोष मुक्त , जबकि २ जन दोषी

सभी संदिग्ध अपराधियों पर लगाया ‘यु.ए.पी.ए.’ (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) न्यायालय ने हटाया !

मान्यवर प्राध्यापक वाराणसी स्थित सनातन संस्था के आश्रम में पधारे !

‘काशी हिन्दू विश्वविद्यालय’ की मनोविज्ञान शाखा की प्राध्यापिका डॉ. पूर्णिमा सक्सेना और विश्व के अलग-अलग महाद्वीपों में प्रबंध शास्त्र और नेतृत्व कुशलता सिखानेवाले और वाराणसी के ‘स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज’ के प्राध्यापक डॉ. संजय सक्सेना सनातन के वाराणसी आश्रम में आए ।

विश्व के प्रथम हिन्दू ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘प्राच्यम्’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रवीण चतुर्वेदी वाराणसी स्थित सनातन संस्था के आश्रम में पधारे !

यह प्रशंसनीय है कि सनातन संस्था के आश्रम में सभी से साधना करवाने की ओर विशेष ध्यान दिया जाता है । आश्रम में अत्यधिक सात्त्विक वातावरण और सकारात्मक ऊर्जा है ।, ऐसा श्री. प्रवीण चतुर्वेदी ने कहा ।

सनातन संस्था के रजत जयंती के अवसर पर बिहार तथा उत्तर प्रदेश में विविध कार्यक्रमों का आयोजन !

तनाव को नियंत्रित करने के लिए शारीरिक, मानसिक स्तर के साथ-साथ आध्यात्मिक स्तर पर किस प्रकार से समाधान किया जा सकता हैं, इस दृष्टि से समाज की सहायता हो, इसके लिए समाज के विविध वर्गाें के लिए ‘तनाव निर्मूलन हेतु अध्यात्म’ विषय का आयोजन किया गया ।

सिंगरौली (मध्य प्रदेश) में नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा तनाव नियंत्रण हेतु कार्यशाला

‘‘तनाव का कारण परिस्थिति नहीं, अपितु उसे संभालने की कुशलता का अभाव है । व्यक्तित्व में होनेवाले स्वभावदोष और अहं निर्मूलन से ही यह कुशलता हमें प्राप्त हो सकती है’’, ऐसे विचार सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी ने व्यक्त किए ।