‘भगवान भाव के भूखे होते हैं’, इस वचन के अनुसार मंदिर में देवता के दर्शन करते समय दर्शन कर रहे व्यक्ति का भगवान के प्रति भाव के अनुसार उसे चैतन्य ग्रहण होता है !
‘व्यक्ति के द्वारा मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करने से पूर्व तथा करने के उपरांत उसकी सूक्ष्म ऊर्जा पर (‘ऑरा’ पर) क्या परिणाम होता है ?’, वैज्ञानिक दृष्टि से इसका अध्ययन करने हेतु एक परीक्षण किया गया । इस परीक्षण के लिए ‘यूनिवर्सल ऑरा स्कैनर’, उपकरण का उपयोग किया गया ।