हलाल प्रमाणपत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बडा संकट ! – सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

अधिकांश लोगों को इस संकट के विषय में कुछ जानकारी ही नहीं । इसलिए प्रत्येक को इसका वैध मार्ग से विरोध करना चाहिए’, ऐसा मार्गदर्शन सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी ने किया ।

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए झारखंड एवं बंगाल के मंदिरों में प्रतिज्ञा एवं मनौती मांगना

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में सनानत संस्था की ओर से हिन्दू राष्ट्र- जागृति अभियान के अंतर्गत अनेक मंदिरों में हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु मनौती, प्रतिज्ञा लेना एवं शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हुआ ।

गौरी लंकेश प्रकरण में हिन्दुओं के पक्ष में लडनेवाले अधिवक्ता कृष्णमूर्ति पर गोलीबार करनेवालों को ढूंढें !

कर्नाटक की साम्यवादी (कम्युनिस्ट) पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या प्रकरण में पिरोए गए एवं हिन्दुओं के पक्ष में लडनेवाले हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ता पी. कृष्णमूर्ति पर १२ अप्रैल की रात को अज्ञातों ने गोलीबारी की । हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा कर्नाटक राज्य के पुलिस महासंचालक को निवेदन प्रस्तुत |

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु श्री हनुमान जयंती के अवसर पर दिल्ली, हरियाणा व मथुरा में ‘गदापूजन’ संपन्न

यहां के एन.सी.आर. एवं मथुरा में ११ स्थानों पर तथा फरीदाबाद, पानीपथ ‘गदापूजन’ संपन्न हुआ । इसका लाभ ६०० भक्तों ने लिया ।

दिल्ली के विद्यालय में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा भोजन वितरण का उपक्रम

यहां के विद्यालय सनातन धर्म विद्या भवन R-4, रघुनाथ मंदिर, अलकनंदा, कालकाजी में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा 30 EWS (Economically weaker section) विद्यार्थियों को भोजन वितरण किया गया ।

हाजीपुर (बिहार) में सनातन संस्था द्वारा ‘आनंदमय जीवन हेतु अध्यात्म’ विषय पर प्रवचन संपन्न !

इस अवसर पर उपस्थित जिज्ञासुओं को कुलदेवी एवं श्री गुरुदेव दत्त के नामजप का महत्त्व बताया गया ।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी संबंधी ग्रंथमाला

‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजीकी गुरुसे हुई भेंट एवं उनका गुरुसे सीखना’ इस ग्रंथ मे पढिये सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजीके प्रथम ग्रन्थ ‘अध्यात्मशास्त्र’ से अधिक चैतन्य प्रक्षेपित होता है, यह दर्शानेवाला वैज्ञानिक परीक्षण

परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के छायाचित्रों में दिखाई देनेवाली उनकी असामान्य आध्यात्मिक विशेषताएं और उनका शास्त्र !

‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के वर्ष २००८ से २०२१ के ६ छायाचित्र आगे दिए हैं । इस छायाचित्र में उनका चेहरा एवं मान की त्वचा, आंखें, चेहरे के भाव आदि १ से २ मिनट तक देखें । इससे विशेषतापूर्ण अनुभव होता है क्या ?’, इसका अध्ययन करें । सभी छायाचित्र की एक समान विशेषताएं एवं प्रत्येक छायाचित्र के निरालेपन का भी अध्ययन करें ।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के कक्ष की दीवार पर प्रकाश के कारण दिख रहे सप्तरंग

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ‘विश्वगुरु’ हैं । इसलिए उनमें विश्व की समस्त दैवी शक्तियां और सप्तदेवताओं के तत्त्व आवश्यकता के अनुसार प्रकट होकर इच्छा, क्रिया और ज्ञान, इन तीन स्तरों पर कार्यरत होते हैं ।

साधको, ‘अनल संवत्सर’ अर्थात तीनों गुरुओं के प्रति ‘समर्पण’ एवं ‘शरणागति’ का वर्ष होने से इस अवधि में समर्पण भाव एवं शरणागत भाव बढाने के प्रयास करें !

‘अब आरंभ हुए अनल संवत्सर में गुरुभक्ति बढाने के लिए क्या प्रयास कर सकते हैं ?’, यह हम देखेंगे ।