नेपाल में हवाई जहाज दुर्घटना : अभी तक ७२ में से ६२ लोगों के शव मिले !

‘यती एयरलाइन्स’ का ‘एटीआर-७२’ हवाई जहाज १५ जनवरी की सुबह ८ बजे के लगभग नेपाल के पोखरा हवाई अड्डे पर उतरते समय पहाड से टकराकर नदी में दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण उसमें आग लग गई । इस हवाई जहाज में ६८ यात्री और ४ कर्मचारी थे ।

सनातन के ‘घर-घर रोपण’ अभियान के अंतर्गत मुंबई, ठाणे, रायगड एवं गुजरात क्षेत्र के साधकों द्वारा किए गए विशेष प्रयास

भावी भीषण आपातकाल की तैयारी के रूप में वर्ष २०२१ की कार्तिकी एकादशी के शुभमूहूर्त पर सनातन ने ‘घर-घर रोपण’ अभियान का आरंभ किया । इस अभियान के अंतर्गत ‘सनातन प्रभात’ के माध्यम से घर-घर सब्जियों एवं औषधीय वनस्पतियों का रोपण करने के विषय में साधकों का उद्बोधन किया गया ।

धर्मशिक्षा एवं आचरण के कारण हिन्दू धर्म एवं संस्कृति की रक्षा हो ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

दीपावली के एक-एक दिन का महत्त्व हमने आनेवाली युवा पीढी को नहीं बताया, तो हिन्दू धर्म की रक्षा कैसे होगी ? अतः हमें त्योहारों एवं सोलह संस्कारों की वैज्ञानिकता एवं महत्त्व आनेवाली युवा पीढीतक पहुंचाना होगा । धर्मशिक्षा एवं आचरण के कारण हिन्दू धर्म एवं संस्कृति की रक्षा होगी ।

गीता में बताए ज्ञान को जीवन में उतारना आवश्यक ! – सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी

‘‘कुछ लोग श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय पढते हैं; परंतु जीवन की प्रतिकूल परिस्थिति में वे गीता के ज्ञान के आधार पर लड नहीं सकते । इसलिए गीता में बताए ज्ञान को प्रत्यक्ष जीवन में उतारना आवश्यक है ।

सम्मेद शिखरजी’ को ‘तीर्थस्थान’ घोषित करें तथा पाकिस्तान के हिन्दुओं की नृशंस हत्याओं के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाई जाए ! – हिन्दू राष्ट्र जागृति आंदोलन

दिल्ली के जंतर मंतर पर किए गए ‘हिन्दू राष्ट्र-जागृति आंदोलन’ में केंद्र शासन से यह मांग की गई । इस आंदोलन में अनेक हिन्दू संगठन सम्मिलित हुए ।

किसी भी राष्ट्र का प्राण धर्म होता है । – श्रीमती प्राची जुवेकर, हिन्दू जनजागृति समिति

‘‘किसी भी राष्ट्र का प्राण धर्म होता है । दुर्भाग्यवश भारत देश की शासन व्यवस्था धर्मनिरपेक्ष बनाई गई । यहां के बहुसंख्यक समाज को धर्मशिक्षा से वंचित किया गया ।

साधको; कर्मयोग, ज्ञानयोग, भक्तियोग एवं गुरुकृपायोग, इन योगमार्गाें के अनुसार प्रत्येक सेवा कर तीव्र गति से आध्यात्मिक उन्नति करें !

‘आश्रम में रहनेवाले, साथ ही प्रसार में सेवा करनेवाले साधक विभिन्न सेवाएं करते हैं । साधकों ने उन्हें मिली प्रत्येक सेवा यदि कर्मयोग, ज्ञानयोग, भक्तियोग एवं गुरुकृपायोग इन योगमार्गाें के अनुसार की, तो वह परिपूर्ण एवं भावपूर्ण होगी ।’

अवयस्क हिन्दू लडकी को टॉफी का लालच देकर मस्जिद में ले जाकर छेडने वाले इमाम को गांववालों ने पीटा !

मस्जिदों में और मदरसों में क्या खुराफात चलती है, यह हमेशा ही सामने आता रहा है । इस कारण ऐसे मदरसों में ताले ठोंकने की आवश्यकता है !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी ने ‘साधना के आरंभिक काल में विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से कैसे तैयार किया ?’, इस विषय में श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी द्वारा चुने हुए क्षण मोती !

गुरुदेवजी के बताए अनुसार मैंने २ माह तक रसोईघर में सेवा की । मुझे उस सेवा से बहुत आनंद मिलने लगा । उस आनंद में मैं पहले जो संगीत साधना करती थी, वही भूल गई ।

अंतर्मन को सुसंस्कारी बनानेवाली हिन्दी पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ संबंधी सेवा !

‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकों के माध्यम से विगत अनेक वर्षाें से समाजप्रबोधन किया जा रहा है । ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकोंद्वारा ‘राष्ट्र एवं धर्म पर हो रहे प्रहार, संतों का मार्गदर्शन, साधकों को हुई अनुभूतियां, सूक्ष्म ज्ञान’ आदि के संबंध में विविध लेखों के माध्यम से समाज के व्यक्तियों का मार्गदर्शन किया जाता है एवं उन्हें साधनाप्रवण किया जाता है ।