सम्मेद शिखरजी’ को ‘तीर्थस्थान’ घोषित करें तथा पाकिस्तान के हिन्दुओं की नृशंस हत्याओं के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाई जाए ! – हिन्दू राष्ट्र जागृति आंदोलन

दिल्ली – झारखंड की सरकार ने जैन समुदाय की दृष्टि से अत्यंत पवित्र तीर्थस्थल झारखंड राज्य में स्थित ‘सम्मेद शिखरजी’ को व्यावसायिक दृष्टि से पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था । इसके संदर्भ में केंद्र शासन द्वारा वर्ष २०१९ में निकाली गई अधिसूचना के कुछ प्रावधान वापस लिए जाने से झारखंड सरकार का धार्मिक स्थल को पर्यटनस्थल बनाने का षड्यंत्र ध्वस्त हुआ । इसके लिए हम केंद्र सरकार का अभिनंदन करते हैं । इसके साथ ही धार्मिक स्थल ‘सम्मेद शिखरजी को ‘तीर्थक्षेत्र’ के रूप में घोषित किया जाए, यह जैन समुदाय की मांग तुरंत स्वीकार की जाए । दिल्ली के जंतर मंतर पर किए गए ‘हिन्दू राष्ट्र-जागृति आंदोलन’ में केंद्र शासन से यह मांग की गई । इस आंदोलन में अनेक हिन्दू संगठन सम्मिलित हुए ।

दिल्ली में आंदोलन’ में सम्मिलित हिन्दुत्वनिष्ठ

अयोध्या, मथुरा, काशी आदि तीर्थों का हिन्दू समाज में जो महत्त्व है, मुसलमानों की दृष्टि मे मक्का-मदिना का जो महत्त्व है; ईसाईयों के लिए वैटिकन का जो महत्त्व है तथा सिक्खों के लिए स्वर्णमंदिर का जो महत्त्व है; उतना ही जैन समुदाय के लिए ‘सम्मेद शिखरजी’ धर्मस्थल का महत्त्व है; इसलिए इस स्थल को ‘तीर्थस्थल’ घोषित किया जाए, यह हमारी मांग है ।

पाकिस्तान के हिन्दुओं की नृशंस हत्याओं के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाई जाए !

पाकिस्तान के सिंजोरो शहर में वर्ष २०२२ के अंत में श्रीमती दया भील नामक विधवा हिन्दू महिला की अत्यंत क्रूरतापूर्ण हत्या की गई । हत्या करने से पूर्व उसके स्तन काट डाले गए, फिर उसका सिर धड से अलग कर दिया गया । उसका शव क्षत-विक्षत् स्थिति में सडक पर ही फेंक दिया गया था । उसके चेहरे का मांस भी निकाला गया था । इतना सब होकर भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस घटना के विषय में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है । इससे पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिन्दुओं के प्रति चरमसीमा की असंवेदनशीलता दिखाई देती है । भारतीय मुसलमानों के संदर्भ में कोई सामान्य सी घटना भी हो जाए, तब भी संपूर्ण विश्व के मुसलमान भारत के प्रति क्षोभ व्यक्त करते हुए दिखाई देते हैं; परंतु एक असहाय हिन्दू विधवा महिला की इतनी नृशंस हत्या होने के पश्चात भी इस्लामी राष्ट्र तो छोडिए; परंतु अन्य कोई भी राष्ट्र अथवा संयुक्त राष्ट्रसंघ ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए दिखाई नहीं देते । भारत सरकार इस प्रकरण का गंभीरता से संज्ञान लेकर ‘संयुक्त राष्ट्रसंघ’ में पाकिस्तानी हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार दूर करने की भूमिका रखकर इसके लिए पाकिस्तान पर वैश्विक प्रतिबंध करने की मांग करे, ऐसी मांग भी इस आंदोलन में की गई ।