हिन्दू जनजागृति समिति की यशोगाथा

हिन्दू जनता के हित में कार्य करनेवाली तथा हिन्दू राष्ट्र की मांग का बीज बोनेवाली हिन्दू जनजागृति समिति के २० वर्ष पूर्ण हुए हैं । हिन्दू जनजागृति समिति धर्मजागृति, धर्मशिक्षा, हिन्दू-संगठन, धर्मरक्षा एवं राष्ट्ररक्षा, इन सूत्रों को सामने रखकर अविरत कार्यरत है ।

बिहार राज्य में ‘हिन्दू राष्ट्र-संपर्क अभियान’ को अधिवक्ता, हिन्दुत्वनिष्ठ, उद्योगपति एवं मंदिर न्यासियों का सकारात्मक प्रतिसाद !

‘भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हो’, इस उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से बिहार राज्य के सारन, वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, गया पाटलिपुत्र, औरंगाबाद आदि जिलों में हिन्दू राष्ट्र संपर्क अभियान किया गया ।

औषधिनिर्माण प्रतिष्ठानों की (फार्मा कंपनियों की) अनियमितताओं पर कैसे नियंत्रण पाया जा सकता है ?

औषधीय प्रतिष्ठानों द्वारा डॉक्टरों को भेंट के रूप में दी जानेवाली औषधियों पर दी जानेवाली करों में छूट निरस्त !

रूस-यूक्रेन युद्ध के माध्यम से विश्व असुरक्षित विश्वरचना की ओर अग्रसर !

रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण कर ‘प्रत्यक्ष रूप से युद्ध नहीं होगा’, ऐसे सभी सिद्धांतों को झूठा साबित करना

काठमांडु ‘शान्ति सेवा आश्रम’ के स्थापना दिवसमहोत्सव में सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी का मार्गदर्शन

हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्र्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ.चारुदत्त पिंगळेजी के नेपाल दौरे का संक्षिप्त वृत्तांत

सनातन के संत पू. चत्तरसिंग इंगळेजी का फोंडा (गोवा) में देहत्याग

मूलतः दुर्ग (छत्तीसगढ) के निवासी तथा सनातन के रामनाथी आश्रम में रह रहे सनातन के १८ वें संत पू. चत्तरसिंग इंगळेजी (आयु ९२ वर्ष) ने २९ सितंबर की रात ८ बजे देहत्याग किया ।

लक्ष्मीपूजन

सामान्यतः अमावस्या अशुभ मानी जाती है; यह नियम इस अमावस्या पर लागू नहीं होता है । यह दिन शुभ माना जाता है; परंतु समस्त कार्यों के लिए नहीं । अतः इसे शुभ कहने की अपेक्षा आनंद का दिन, प्रसन्नता का दिन कहना उचित होगा ।

बलि प्रतिपदा (दीपावली पडवा)

यह साढे तीन मुहूर्तों में से अर्द्ध मुहूर्त है । इसे ‘विक्रम संवत’ कालगणना के वर्षारंभ दिन के रूप में मनाया जाता है ।

तुलसी विवाह

श्रीविष्णु (बालकृष्ण की मूर्ति) का तुलसी से विवाह करने की यह विधि है । इस हेतु, विवाह के पहले दिन तुलसी वृंदावन को रंग लगाकर सुशोभित करते हैं । वृंदावन में गन्ना, गेंदे के पुष्प चढाते हैं एवं जड के पास इमली और आंवला रखते हैं ।

दीपावली का आनंद द्विगुणित करनेवाली सनातन की ग्रंथमाला : हिन्दू संस्कार एवं परंपरा

केवल सुंदर दिखनेवाली रंगोलियों की अपेक्षा देवताओं के तत्त्व आकृष्ट एवं प्रक्षेपित करनेवाली रंगोलियां लाभदायक होती हैं । देवताओं की उपासना हेतु तथा त्योहार, जन्मदिन आदि प्रसंगों में बनाई जानेवाली रंगोलियां इस लघुग्रंथ में प्रस्तुत हैं ।