आगामी आपातकाल में सहायता का वरदान प्रमाणित होनेवाली सनातन की महत्त्वपूर्ण ग्रंथसंपदा !

सनातन संस्था ने ‘आपातकाल में संजीवनी सिद्ध होनेवाली ग्रंथमाला’ बनाई है । इस ग्रंथमाला से सीखी हुई उपचार-पद्धतियां केवल आपातकाल की दृष्टि से ही नहीं, अपितु अन्य समय भी उपयुक्त हैं; क्योंकि वे मनुष्य को स्वयंपूर्ण और कुछ मात्रा में परिपूर्ण भी बनाती हैं ।

आपातकाल में प्राणरक्षा हेतु करने योग्य तैयारी

आपातकाल में सुरक्षित रहने हेतु व्यक्ति अपने बल पर कितनी भी तैयारी करे, महाभीषण आपदा से बचने हेतु अंत में पूर्ण विश्वास ईश्वर पर ही रखना पडता है । मानव यदि साधना कर ईश्वर की कृपा प्राप्त करे, तो ईश्वर किसी भी संकट में रक्षा करते ही हैं ।

आपातकाल की पूर्वतैयारी के लिए घर की बालकनी में सब्जियों के रोपण हेतु साधकों द्वारा किए प्रयास, उन्हें सीखने के लिए मिले सूत्र एवं अनुभव हुई गुरुकृपा !

कोई भी पूर्वानुभव न होते हुए भी अल्प कालावधि में अनेक प्रकार की सब्जियों का सफलतापूर्वक रोपण कर पाएं और २ परिवार हेतु पर्याप्त सब्जियां मिलने लगीं ।

श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळ द्वारा शेषनाग की फूंक से उत्पन्न ‘मणिकर्ण तप्तकुण्ड’ (जनपद कुलु) स्थान का किया हुआ अवलोकन !

देवी पार्वती के कर्णाभूषण में स्थित मणि जहां गिरी, वह स्थान है मणिकर्ण स्थित ‘तप्तकुंड’ ! यहां की यह विशेषता है कि मणिकर्म में घर-घर में भूमि से ही गरम पानी निकलता है; इसलिए यहां किसी के भी घर में स्नान हेतु पानी गरम करने का कोई साधन नहीं है ।

सर्वाेत्तम शिक्षा कौन-सी है ?

आधुनिक समाज की मान्यताओं एवं सामाजिक व्यवस्थाओं की पुष्टि करती हुई तदनुकूल शिक्षा का प्रचलन । इसलिए आधुनिक शिक्षा का रूप समझने के लिए आधुनिक समाज और उनकी मान्यताओं का अवलोकन आवश्यक है ।

षट् सम्पत्ति

समाधान का अर्थ है शंकाओंका निरसन । अध्यात्मशास्त्रका अध्ययन करते समय नाना प्रकारके विकल्प और शंकाएं मनमें आती हैं । सभी प्रश्नोंके उत्तर मिलकर सभी शंकाओंका निरसन होनेपर प्राप्त होनेवाली शांति ।

गुरुदेवजी पर अपार श्रद्धा रखनेवाली डॉ. (श्रीमती) शरदिनी कोरे (आयु ७८ वर्ष) १०९ वें संतपद पर विराजमान !

सनातन के इतिहास में एक ही समय मां के संत और पुत्री के जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त होने की अभूतपूर्व घटना !

‘स्वतंत्रता दिवस’ के उपलक्ष्य में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा राष्ट्रध्वज का सम्मान करने के संदर्भ में जागरुकता !

१५ अगस्त के दिन प्लास्टिक एवं कागज के झंडे के प्रयोग से राष्ट्रध्वज का होनेवाला अनादर रोकने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने तथा समाज में इस संदर्भ में जागृति लाने के लिए ‘राष्ट्र्रध्वज का सम्मान करें !’

सनातन संस्था व हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से श्रावण मास पर विविध ‘ऑनलाइन उपक्रम !’

एक जिज्ञासु ने बताया कि तीज का त्योहार उत्तर भारत में मनाते हैं; परंतु हमें इतनी जानकारी नहीं है, यहां पर बताई गई तीज एवं नागपंचमी की जानकारी का बहुत ही लाभ हुआ ।

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु साधना के रूप में सहभागी होने की आवश्यकता है ! – श्री. शंभू गवारे, पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत राज्य संगठक, हिन्दू जनजागृति समिति

तरुण हिन्दू के संस्थापक श्री. एन.एम. दास जी ने उपस्थित लोगों को समिति का परिचय करवाते समय कहा, ‘हमारा और समिति की स्थापना का एक ही उद्देश्य है और वह है हिन्दू राष्ट्र की स्थापना !’