इंदौर (मध्य प्रदेश) में प.पू. भक्तराज महाराजजी का गुरुपूर्णिमा उत्सव भावपूर्ण एवं उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न !

सनातन संस्था के श्रद्धास्रोत एवं सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के गुरु प.पू. भक्तराज महाराजजी का गुरुपूर्णिमा उत्सव २ एवं ३ जुलाई को यहां के भक्तवात्सल्य आश्रम के निकट स्थित नवनीत गार्डन में भावपूर्ण एवं उत्साहपूर्ण वातावरण में मनाया गया ।

सनातन संस्था द्वारा पूरे देश में ७२ स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ भावपूर्ण वातावरण में संपन्न !

माया के भवसागर से शिष्य एवं भक्त को धीरे से बाहर निकालनेवाले, उससे आवश्यक साधना करवानेवाले तथा कठिन समय में उसे निरपेक्ष प्रेम से आधार देकर संकटमुक्त करनेवाले गुरु ही होते हैं । ऐसे परमपूजनीय गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन होता है गुरुपूर्णिमा !

सनातन के मराठी एवं हिन्दी ‘ई-बुक’ ‘अध्यात्मका प्रस्तावनात्मक विवेचन’ का लोकार्पण !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी के करकमलों से ३ जुलाई २०२३ अर्थात गुरुपूर्णिमा के दिन सनातन के मराठी एवं हिन्दी भाषा के ‘ई-बुक’ ‘अध्यात्मका प्रस्तावनात्मक विवेचन’ का लोकार्पण किया गया ।

हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा पूरे देश में ८३ स्थानों पर मनाए गए ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ में हिन्दू राष्ट्र का उद्घोष !

हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से पूरे देश में ८३ स्थानों पर उत्साहपूर्ण वातावरण में ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ मनाया गया । महोत्सव के आरंभ में श्री व्यासपूजा एवं प.पू. भक्तराज महाराजजी की प्रतिमा का पूजन किया गया ।

टैक्सास (अमेरिका) में गुरुपूर्णिमा के दिन १० सहस्र लोगों ने किया श्रीमद्भगवद्गीता का सामूहिक पठन !

‘योग संगीता ट्रस्ट, अमेरिका’ और ‘एस.जी.एस. गीता फाउंडेशन’ ने संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम का आयोजन किया था । पहली बार ही अमेरिका में गीता पाठ का कार्यक्रम हुआ है ।

गुरुपूर्णिमा महोत्सव २०२३ निमंत्रण

गुरुपूर्णिमा के दिन १००० गुना सक्रिय रहनेवाले गुरुतत्त्व का लाभ सभी को हो, इसलिए सनातन संस्था व हिन्दू जनजागृति समिति गुरुपूर्णिमा महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं । इस महोत्सव में सम्मिलित होने हेतु गुरुपूर्णिमा स्थल का पता एवं संपर्क क्रमांक आगे देखें ।

अर्पणदाताओं, गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में धर्मकार्य हेतु धन अर्पित कर गुरुतत्त्व का लाभ उठाएं !

३ जुलाई २०२३ को गुरुपूर्णिमा है । गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का यह दिवस शिष्य के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण होता है । इस दिन गुरु का कृपाशीर्वाद तथा उनसे प्रक्षेपित शब्दातीत ज्ञान सामान्य की अपेक्षा सहस्र गुना कार्यरत होता है । अतः गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में गुरुसेवा एवं धन का त्याग करनेवाले व्यक्ति को गुरुतत्त्व का सहस्र गुना लाभ होता है ।

गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में सनातन के गुरुओं द्वारा संदेश

अब हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होने का समय निकट आ गया है; परंतु भविष्य में संपूर्ण राष्ट्ररचना अध्यात्म पर आधारित होने हेतु आज से ही सक्रिय होना, धर्मसंस्थापना का कार्य है । श्री गुरु के इस ऐतिहासिक धर्मसंस्थापना के कार्य में दायित्व लेकर सेवा करें !

हिन्दुओ, प्रत्येक क्षेत्र में अपनी क्षमतानुसार धर्मसंस्थापना का कार्य गुरुसेवा के रूप में करें !

आधुनिक युग में धर्मसंस्थापना का यही कार्य गुरुतत्त्व को अधिक प्रिय है । धर्मसंस्थापना केवल धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना नहीं, धर्मग्लानि से ग्रस्त राष्ट्र और समाज के प्रत्येक घटक को धर्मयुक्त बनाना भी है ।

सनातन संस्था द्वारा संपूर्ण देश में १५३ स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ संपन्न !

माया के भवसागर से शिष्य और भक्त को धीरे से बाहर निकालनेवाले, उनसे आवश्यक साधना करवानेवाले और कठिन समय में उन्हें निरपेक्ष प्रेम का आधार देकर संकटमुक्त करानेवाले गुरु ही होते हैं । ऐसे परमपूजनीय गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन होता है ‘गुरुपूर्णिमा’ !