सनातन संस्था द्वारा संपूर्ण देश में १५३ स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ संपन्न !

माया के भवसागर से शिष्य और भक्त को धीरे से बाहर निकालनेवाले, उनसे आवश्यक साधना करवानेवाले और कठिन समय में उन्हें निरपेक्ष प्रेम का आधार देकर संकटमुक्त करानेवाले गुरु ही होते हैं । ऐसे परमपूजनीय गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन होता है ‘गुरुपूर्णिमा’ !

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत में गुरुपूर्णिमा महोत्सव संपन्न !

सनातन संस्था के श्रद्धाकेंद्र प.पू. भक्तराज महाराजजी की प्रतिमापूजन से इस महोत्सव का शुभारंभ हुआ । गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी का संदेश पढकर सुनाया गया ।

सनातन संस्था की गुरुपूर्णिमा महोत्सव के लिए मुख्यमंत्री श्री. बसवराज बोम्माई को निमंत्रण !

सनातन संस्था द्वारा आयोजित गुरुपूर्णिमा महोत्सव के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री. बसवराज बोम्माई को निमंत्रण दिया गया ।

गुरुपूर्णिमा के पश्चात आनेवाले भीषण संकटकाल में सुरक्षित रहने के लिए गुरुरूपी संतों के मार्गदर्शन में साधना करें !

‘श्री गुरु के मार्गदर्शन में साधना करनेवाले भक्त, साधक, शिष्य आदि के लिए गुरुपूर्णिमा ‘कृतज्ञता उत्सव’ होता है । गुरु के कारण आध्यात्मिक साधना आरंभ होकर मनुष्यजन्म सार्थक होता है ।

अर्पणदाताओ, गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में धर्मकार्य हेतु धन अर्पित कर गुरुतत्त्व का लाभ लो !

‘१३ जुलाई २०२२ को गुरुपूर्णिमा है । गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का यह दिवस शिष्य के लिए अविस्मरणीय होता है । इस दिन गुरुदेवजी का कृपाशीर्वाद तथा उनसे प्रक्षेपित शब्दातीत ज्ञान सामान्य की अपेक्षा सहस्र गुना कार्यरत होता है ।

गुरुपूर्णिमा महोत्सव २०२२ निमंत्रण

गुरुपूर्णिमा के दिन १००० गुना सक्रिय रहनेवाले गुरुतत्त्व का लाभ सभी को हो, इसलिए सनातन संस्था व हिन्दू जनजागृति समिति गुरुपूर्णिमा महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं । इस महोत्सव में सम्मिलित होने हेतु गुरुपूर्णिमा स्थल का पता एवं संपर्क क्रमांक आगे देखें ।

काल की आवश्यकता समझकर राष्ट्र तथा धर्मरक्षा की शिक्षा देना, यह गुरु का वर्तमान कर्तव्य !

राष्ट्र तथा धर्मरक्षा की शिक्षा देनेवाले गुरुओं के कार्य का स्मरण कीजिए !

कलियुग की सर्वश्रेष्ठ साधना कौनसी है ?

नामजप ही कलियुग की सर्वश्रेष्ठ साधना है । वर्तमान में कलियुगांतर्गत कलियुग में गुरुकृपायोगानुसार साधना ही शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति करानेवाली साधना है ।

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुर्गुरुर्देवो महेश्वरः । गुरुरेव परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः

शिष्य का अज्ञान दूर हो तथा उसकी आध्यात्मिक उन्नति हो, इसलिए जो उससे उपयुक्त साधना करवा लेते हैं और इस प्रकार सहजता से वास्तविक अनुभूति प्रदान करा देते हैं, उन्हें गुरु कहते हैं । शिष्य का परममंगल अर्थात मोक्षप्राप्ति केवल गुरुकृपा से ही हो सकती है ।

अर्पणदाताओ, गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में धर्मकार्य हेतु धन अर्पित कर गुरुतत्त्व का लाभ लो !

गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में तन, मन एवं धन का अधिकाधिक त्याग कर गुरुदेवजी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर सभी को प्राप्त हुआ है । अतः जिज्ञासु एवं शुभचिंतक धर्मप्रसार का कार्य कर तथा उसके लिए धन अर्पित कर गुरुपूर्णिमा का आध्यात्मिक स्तर पर लाभ लें ।