जो साधना के रूप में लेखन करते हैं, उनसे ही गुरु लेखन-कार्य करवाते हैं ! – वैज्ञानिक एवं लेखक डॉ. मोहन बांडे

प्रत्येक साधक के जीवन में गुरु विविध माध्यम से आते हैं । सभी संत भले ही अलग-अलग दिखाई दें, तब भी वे अंदर से एक ही होते हैं । किससे कौनसी साधना करवानी है, यह उन्हें पता होता है ।

कांदळी (पुणे) में प.पू. भक्तराज महाराजजी के समाधिस्थल पर गुरुपूर्णिमा महोत्सव भावपूर्ण वातावरण में संपन्न !

सनातन संस्था के श्रद्धाकेंद्र प.पू. भक्तराज महाराजजी के कांदळी के समाधिस्थल पर २३ जुलाई को कोरोना के सर्व नियमों का पालन कर गुरुपूर्णिमा महोत्सव भावपूर्ण वातावरण में मनाया गया ।

गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में अधिकाधिक सेवा कर हम गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर सकते हैं ! – पू. नीलेश सिंगबाळजी, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

‘गुरुपूर्णिमा शिष्यों एवं साधकों के जीवन का सबसे बडा उत्सव है । इस उपलक्ष्य में हम तन, मन एवं धन का त्याग और गुरुसेवा कर गुरुदेवजी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर सकते हैं ।

गुरुपूर्णिमा के अवसर पर हिन्दू-राष्ट्र स्थापना हेतु सक्रिय होने का निश्‍चय करें ! – सद्गुरु डॉ. पिंगळे

शिष्य की आध्यात्मिक उन्नति के साथ धर्मसंस्थापना करना, यह गुरु परंपरा का कार्य रहा है । वर्तमान समय में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना, यह धर्मसंस्थापना का ही कार्य है ।