गणेशोत्सव के काल में आनेवाले व्रतों का उपासना शास्त्र
भाद्रपद शुक्ल तृतीया से भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी की अवधि में हरितालिका, ऋषिपंचमी एवं ज्येष्ठा गौरी व्रत आते हैं । इन व्रतों को नैमित्तिक व्रत कहते हैं । नैमित्तिक व्रत निर्धारित तिथि को ही आते हैं ।