कोलकाता उच्च न्यायालय और समयसीमा में आरोपपत्र प्रविष्ट करने में ढिलाई !

पुलिस बंदीगृह में होनेवाला शोषण गंभीर है । ऐसे में पुलिस की कार्यपद्धति के विषय में आपत्ति दर्ज करने और उनके शोषण पर कार्यवाही करने हेतु एक स्वतंत्र व्यवस्था हो, इस उद्देश्य से ‘पुलिस शिकायत प्राधिकरण’ स्थापित करे, न्यायालय ने ऐसा आदेश दिया ।

सनातन की सर्वांगस्पर्शी ५ सहस्र ग्रंथसंपदा सभी भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में प्रकाशित हो, इस हेतु ग्रंथ-निर्मिति की व्यापक सेवा में सम्मिलित हों !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी द्वारा संकलन किए जा रहे ग्रंथों में से मई २०२१ तक ३३८ से अधिक ग्रंथ एवं लघुग्रंथों की निर्मिति हो चुकी है तथा अन्य लगभग ५ सहस्र से भी अधिक ग्रंथों की निर्मिति की प्रक्रिया और अधिक गति से होने हेतु अनेक लोगों की सहायता की आवश्यकता है ।

चातुर्मास का महत्त्व

स्वास्थ्य बनाए रखने, साधना करने तथा वातावरण को सात्त्विक बनाए रखने हेतु धर्मशास्त्र में बताए नियमों का पालन सर्वथा उचित है । मानवजीवन से संबंधित इतना गहन अध्ययन केवल हिन्दू धर्म में ही किया गया है । यही इसकी महानता है ।

भक्त, संत और ईश्वरमें भेद !

मनुष्य ईश्वरका कितना भी अनन्य भक्त हो, वह ईश्वर नहीं बन सकता; वह स्थूल और सूक्ष्म देहमें रहनेतक ईश्वर का अंश ही रहता है ।

कलियुग के प्रथम वेदऋषि पू. डॉ. शिवकुमार ओझाजी !

भारतीय संस्कृति’ शब्द का अर्थ यहां ‘वैदिक संस्कृति, हिन्दू धर्म अथवा सनातन धर्म’ है और यह सर्वाेत्तम शिक्षा का सुदृढ आधार है । उसी आधार पर प्रस्तुत पुस्तक की रचना की गई है ।

स्मृतिकार एवं गोत्रप्रवर्तक पराशर ॠषि का तपोस्थल एवं ‘पराशर ताल’ के श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळ ने किए दर्शन !

हिमाचल प्रदेश को ‘देवभूमि हिमाचल’ कहा जाता है । युग-युग से हिमाचल प्रदेश देवताओं एवं ऋषि-मुनियों का निवासस्थान रहा है । यहां वसिष्ठ, पराशर, व्यास, जमदग्नि, भृगु, मनु, विश्वामित्र, अत्री आदि अनेक ऋषियों की तपोस्थली, साथ ही शिव-पार्वती से संबंधित अनेक दिव्य स्थान हैं ।

घनघोर आपातकाल में अपनी सुरक्षा हेतु अच्छी साधना करके भगवान का भक्त बनना ही आवश्यक है ! – पूज्य नीलेश सिंगबाळ, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

कोरोना के इस महामारी के काल में सभी को यह अनुभव हो गया होगा कि ईश्वर की भक्ति ही हमारी रक्षा कर सकती है । समाज साधना कर आध्यात्मिक बल अर्जित कर सके इस उद्देश्य से ८ मास पूर्व सनातन संस्था की ओर से पूरे देश में ऑनलाइन सत्संग शृंखला का आयोजन किया गया ।

रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर प्रवचन

रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस के अवसर पर दिल्ली के साईदुला जेब, एमबी रोड स्थित लिटिल वन पब्लिक स्कूल में सनातन संस्था द्वारा ऑनलाइन प्रवचन का आयोजन किया गया ।

वराड (जिला सिंधुदुर्ग) के महान संत प.पू. परूळेकर महाराजजी का देहत्याग !

वराड, सिंधुदुर्ग के महान संत प.पू. परूळेकर महाराज (आयु ८४ वर्षे) ने यहां के ‘श्रीरामनगरी’ आश्रम में २८ जून २०२१ को सवेरे ९ बजे देहत्याग किया ।