सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘ऑनलाइन’ गुरुपूर्णिमा महोत्सव भावपूर्ण वातावरण में संपन्न !

श्रीगुरु ने भक्त, शिष्य एवं साधकों को जन्म-जन्म से तत्त्वरूप में संभाला है । ऐसे प्रीतिस्वरूप एवं भक्तवत्सल गुरुदेवजी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिवस अर्थात गुरुपूर्णिमा

सप्तर्षि द्वारा वर्ष २०२१ की गुरुपूर्णिमा के गुरुपूजन हेतु निर्मित चित्र की विशेषताएं

उपरोक्त चित्र के ऊपरी भाग, मध्यभाग एवं निचले भाग को स्पर्श कर क्या अनुभव होता है ?, इसकी अनुभूति लें ।

सप्तर्षियों के बताए अनुसार वर्ष २०२० और २०२१ की गुरुपूर्णिमा में पूजन किए गए चित्रों के संदर्भ में सद्गुरु डॉ. गाडगीळजी को हुई अनुभूति !

वर्ष २०२१ की गुरुपूर्णिमा में सप्तर्षियों के बताए अनुसार चित्र बनाकर उसका पूजन रामनाथी आश्रम में किया गया । उस चित्र की ओर देखकर मुझे हुई अनुभूति इस लेख में दी है ।

आपातकालीन स्थिति में (कोरोना की पृष्ठभूमि पर) धर्मशास्त्रानुसार गुरुपूर्णिमा मनाने की पद्धति !

इस वर्ष भी मिलकर गुरुपूजन करना संभव नहीं होगा । अतः सभी घर-पर रहकर ही श्री गुरुदेवजी की प्रतिमा, मूर्ति अथवा पादुका का पूजन आगे दिए अनुसार करें ।

धर्मसंस्थापना हेतु सर्वस्व का त्याग करें !

सर्वस्व का त्याग किए बिना मोक्षप्राप्ति नहीं होती; इसीलिए आध्यात्मिक प्रगति करने की इच्छा रखनेवालों को सर्वस्व का त्याग करना चाहिए ।

आपातकाल में गुरु का प्रीतिमय कृपाछत्र अनुभव करने के लिए शिष्य बनें !

आपातकाल में रक्षा होने के लिए अनन्य भाव से श्रीमन्नारायणस्वरूप परात्पर गुरु डॉक्टरजी की शरण लें और उनका खरा शिष्य बनने के लिए साधना हेतु पराकाष्ठा के प्रयत्न करें ।’ – श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळ, सनातन आश्रम, रामनाथी. (२८.४.२०२१)

धर्मसंस्थापना के दैवी कार्य में सम्मिलित होकर जीवन का कल्याण करें !

भगवान श्रीकृष्ण ने दुष्ट कौरवों को पराजित कर धर्मराज्य स्थापित किया । कलियुग में भी श्रीमन्नारायणस्वरूप परात्पर गुरु डॉक्टरजी ने धर्मसंस्थापना का महान कार्य आरंभ किया है । जिस प्रकार श्रीराम के कार्य में सहभागी होकर वानरसेना ने स्वयं का उद्धार किया, उसी प्रकार परात्पर गुरु डॉक्टरजी के धर्मस्थापक दैवीय कार्य में सहभागी होकर जीवन का कल्याण कर लें !’

‘ऑनलाइन’ गुरुपूर्णिमा महोत्सव २०२१

गुरुपूर्णिमा पर १,००० गुना सक्रिय रहनेवाले गुरुतत्त्व का लाभ सभी को मिले, इसलिए ‘ऑनलाइन’ गुरुपूर्णिमा महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं । सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘ऑनलाइन’ गुरुपूर्णिमा महोत्सव हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, कन्नड, तमिल, तेलुगु, मलयालम, बांग्ला, पंजाबी, ओडिया, इन ११ भाषाओं में है ।

अर्पणदाताओे, गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में धर्मकार्यार्थ धन अर्पण कर गुरुतत्त्व का लाभ लें !

गुरुपूर्णिमा पर गुरुतत्त्व एक सहस्र गुना कार्यरत होता है । इसलिए गुरुपूर्णिमा के निमित्त गुरुकार्य के लिए त्याग करना साधना की दृष्टि से एक हजार गुना लाभदायक सिद्ध होता है ।

गुरु-शिष्य परंपरा का संवर्धन करें !

गुरुपूर्णिमा के दिन सदा की तुलना में गुरुतत्त्व (ईश्वरीय तत्त्व) १ सहस्र गुना कार्यरत होता है । इसलिए गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में की गई सेवा एवं त्याग (सत् के लिए अर्पण) का अन्य दिनों की तुलना में १ सहस्र गुना लाभ होता है ।