Supreme Court Slams DMK: पडोस में अन्य धर्मी रहते हैं, इसलिए प्रक्षेपण रोक नहीं सकते !
श्रीराममंदिर के उद्घाटन का लाईव प्रक्षेपण रोकने पर, सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु द्रमुक सरकार को फटकारा !
श्रीराममंदिर के उद्घाटन का लाईव प्रक्षेपण रोकने पर, सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु द्रमुक सरकार को फटकारा !
द्रमुक सरकार ने यह आरोप नकार दिया है ।
सनातन धर्म को ‘दलितों का द्वेष करनेवाला धर्म’ ऐसा कहते हुए उसे नष्ट करने की भाषा करनेवाले द्रमुक के नेताओं की ही वृत्ति कितनी हीन है, यह समझ लें !
भाजपा सांसदों ने लोकसभा में किया था विरोध !
संघ को मुसलमानविरोधी कहनेवाले द्रमुक स्वयं हिन्दूविरोधी हैं, यह दर्शा रहे हैं !
हिन्दूद्वेष और हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को दबाना अर्थात धर्मनिरपेक्षता’ ऐसी व्याख्या देश में तथाकथित निधर्मीवादी और आधुनिकतावादियों की है । इस पर ही न्यायालय का बोलना सोनार द्वारा कान छेदने समान है ! ऐसा होने पर भी ऐसे गेंडे की खाल वाले लोगों में बदलाव होने की संभावना नहीं, यह भी उतना ही सत्य है !
सद्यः स्थिती में प्रत्येक मनुष्य अधिकार ही बताता है परंतु दूसरे के लिए त्याग करने को सिद्ध नहीं । इसलिए कावेरी प्रश्न जैसे अनेक प्रश्न वर्तमान में फैल रहे हैं । यह बार-बार प्रशासनिक व्यवस्था की विफलता तथा सनातन धर्मराज्य की (हिन्दू राष्ट्र) आवश्यकता को हमारे सामने लाता है !
बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार के मंत्री रथिन घोष के निवास स्थान पर तथा उनसे संबंधित अन्य १३ स्थानों पर यह छापे मारे गए ।
तमिलनाडू में सनातन निर्मूलन परिषद का आयोजन किया जाता है तथा उसमें राज्य के मंत्री उपस्थित रहते हैं, क्या यही उनकी धर्म निरपेक्षता है ? संविधान के सच्चे रक्षक होने का कहनेवाले राजनीतिक दलों को क्या यह स्वीकार है ?
यह सर्वविदित है कि द्रमुक सनातन द्वेषी है तथा इसका जन्म ही सनातन द्वेष की भावना से हुआ है | इसमें कोई संदेह नहीं कि आगामी चुनाव में सनातन धर्मावलंबी ऐसे गठबंधन को राजनीतिक रूप से नष्ट कर देंगे ! यह एक बार पुन: सिद्ध हो जाएगा कि जो लोग सनातन को नष्ट करने की वार्ता करते हैं वे स्वयं ही समाप्त हो जाते हैं !